क्या इस बार भी महिला सीएम के नाम पर लगेगी मुहर ?

क्या इस बार भी महिला सीएम के नाम पर लगेगी मुहर ?
क्या बीजेपी दिल्ली में महिला CM पर लगाएगी दांव?
52 दिन की सीएम रहीं थी सुषमा स्वराज
कांग्रेस की सरकार में शीला दीक्षित तीन बार रहीं CM

दिल्ली के राजनीति में अभी तक कुल आठ मुख्यमंत्री हुए हैं। जिसमें से तीन महिलाओं ने मुख्यमंत्री बनकर सत्ता की कमान संभाली है। शीला दीक्षित से लेकर सुषमा स्वराज और आम आदमी पार्टी की आतिशी तक तीनों महिला मुख्यमंत्री ने अपने अपने कार्यकाल में अपने आप को साबित किया है। सबसे रोचक बात ये है कि तीनों ही महिला मुख्यमंत्री अलग- अलग दलों से रहीं हैं। देश में दिल्ली ही एक ऐसा अकेला राज्य है, जहां तीन तीन महिलाएं मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाएं चुकी हैं।

अब दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। इस जीत के बाद बीजेपी दिल्ली से देश को संदेश देने की कोशिश में जुटी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली को चौथी बार महिला मुख्यमंत्री मिल सकती है।

पिछली बार आम आदमी पार्टी की आतिशी को दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं थीं। उनसे पहले कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित और बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं हैं। सुषमा स्वराज के रूप में दिल्ली को पहली बार साल 1998 में महिला मुख्यमंत्री मिली थी। बता दें प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ गया था। उसके बाद बीजेपी ने सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया था, लेकिन सुषमा सिर्फ 52 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाईं। बाद में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी बुरी तरह हार गई।

साल 1993 में जिस बीजेपी की 49 सीटें आई थीं। पांच साल बाद एंटी इंकम्बेंसी की वजह से सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गई। जब 1998 में कांग्रेस चुनाव जीत गई तो कांग्रेस ने शीला दीक्षित को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। उसके बाद 2003 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस को एक बार फिर पूर्ण बहुमत मिला। इस बार कांग्रेस को 47 जबकि बीजेपी को 20 सीटें मिलीं थीं। इसके बाद 2008 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस को 43 और बीजेपी को 23 सीटें मिली। शीला दीक्षित 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। हालांकि साल 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने चुनाव लड़ा तो उन्हें 28, कांग्रेस को 8 और BJP को 34 सीटें मिली थीं और त्रिशंकु विधानसभा में कांग्रेस ने AAP को बाहर से समर्थन देकर सरकार बनाई थी। अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे।

एक राजनीतिक घटनाक्रम के चलते आम आदमी पार्टी की ओर से
आतिशी को दिल्ली का सीएम बनाया गया था। वे दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री थीं। उनके नाम दिल्ली की सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री का भी रिकॅाड दर्ज है।

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