राम मंदिर 1 जनवरी 2024 को तैयार हो जाएगा। राम मंदिर ट्र्सट की मानें तो 1 जनवरी को मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर तैयार होगा। वही राम मंदिर में मूर्तियों के लिए पत्थर या कहें कि शिलाऐं लाई जा रही हैं. ये शिलाऐं काली गंडक नेपाल से लाई जां रहीं है। नेपाल की काली गंड़क या शालिग्रमी नदी भारत में प्रवेश करते ही नारायणी बन जाती है। इसमें काले रंग के एक विशेष प्रकार के पत्थर पाए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं में इन्हें शालिग्राम भगवान का रूप कहा जाता है। शालिग्रामी पत्थर बेहद मजबूत होते हैं। इसलिए, शिल्पकार बारीक से बारीक आकृति उकेर लेते हैं। अयोध्या में भगवान राम की सांवली प्रतिमा इसी तरह की शिला पर बनी हैं। राम जन्मभूमि के पुराने मंदिर में कई स्तभ इस पत्थऱ के बने हैं। नेपाल से ये शिलाऐं 31 जनवरी को उत्तरप्रदेश मे प्रवेश करेंगी। रास्ते में जगह जगह शइलाओं का पूजन किया जा रहा है। बिहार में 51 जगह पर इन शिलाओं की पूजा की जावेगी। नारायणी से लाए जा रहे इन पत्थरों से ही श्रीराम और माता सीता की मूर्तियां बनाई जाएंगी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये शिलाएं करीब 6 करोड़ साल पुरानी हैं। हालांकि, इनसे बनी मूर्तियां गर्भगृह में रखी जाएंगी या परिसर में कहीं और स्थापित होगी? ये अभी तय नहीं है। इस पर राम मंदिर ट्रस्ट ही अंतिम फैसला लेगा। इन पत्थरों को नारायणी नदी से निकालने के लिए पहले धार्मिक अनुष्ठान किए गए उसके बाद निकाला गया।