जम्मू कश्मीर में अंतिम चरण का रण…जानें किस सीट पर कौन हावी….किसके पास है सत्ता की चाबी
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में जम्मू रीजन की 26 तो कश्मीर रीजन की 14 विधानसभा सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इस चरण में सांबा, उधमपुर, कठुआ और जम्मू के साथ ही साथ बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा जैसे जिले शामिल हैं। वहीं शोपियां, सोपोर और हंदवाड़ा जैसी पाकिस्तान की सीमा से लगी विधानसभा सीटों पर भी अंतिम चरण में एक अक्टूबर को ही वोटिंग होनी है।
तीसरे चरण में 40 सीटें?
जम्मू रीजन की 26 सीट
कश्मीर रीजन की 14 सीट
40 सीटों पर अलग-अलग राजनीतिक समीकरण
कहीं स्थानीय मुद्दे हावी…तो कहीं बेरोजगारी
जम्मू रीजन में राष्ट्रीय दलों की जंग
कश्मीर घाटी में विस्थापितों के पुनर्वास मुद्दा
जम्मू रीजन की सीट पर चलता है हिंदुत्व कार्ड
जम्मू रीजन में नहीं जमे नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के पांव
कांग्रेस और पैंथर्स पार्टी के इर्द-गिर्द ही हिंदू वोटबैंक घूमता रहा
2014 के चुनाव में बीजेपी को मिला अधिक समर्थन
इस बार के चुनाव में भी बीजेपी को यही गणित दोहराये जाने की उम्मीद
तीसरे चरण की सीटों का सियासी समीकरण
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में तीसरे फेज में जिन विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। वहां अलग-अलग राजनीतिक समीकरण हैं। कहीं स्थानीय मुद्दे हावी हैं तो कहीं बेरोजगारी के साथ कनेक्टिविटी का मुद्दा चुनाव में जमकर उछला हैं। जम्मू रीजन में राष्ट्रीय दलों की जंग में राष्ट्रीय मुद्दे जिनमें सुरक्षा और कश्मीर घाटी में विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर मुद्दा उठा।
तीसरे चरण में हिंदू वोटबैंक
अक्सर हिंदी बेल्ट की सियासत में जातीय समीकरण चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। लेकिन यहां जम्मू कश्मीर, खासकर जम्मू रीजन के चुनाव में जातीय गणित का रोल अधिक नहीं है। जम्मू रीजन की सीट पर हिंदुत्व कार्ड चलता है। यही वजह है कि जम्मू रीजन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ पीडीपी जैसी पार्टियां भी अपनी जड़े नहीं जमा पाईं। यहां कांग्रेस के साथ पैंथर्स पार्टी के इर्द-गिर्द ही हिंदू वोटबैंक घूमता रहा। 2014 के चुनाव में बीजेपी को अधिक समर्थन मिला। पार्टी को इस बार 2024 के चुनाव में भी यही गणित दोहराये जाने की उम्मीद है।
कश्मीरी विस्थापित बड़ा मुद्दा
जम्मू रीजन की विधानसभा सीटों पर कश्मीरी विस्थापितों का वोट निर्णायक भूमिका में होता है। कश्मीरी विस्थापितों का झुकाव 2014 के चुनाव में बीजेपी की ओर नजर आया था। पार्टी को यहां 25 विधानसभा सीटों पर जीत मिली तो पीडीपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बीजेपी उभरी थी। इस बार भी कश्मीरी विस्थापितों के वोट जिस पार्टी को मिलेंगे या उसके पक्ष में जाएंगे उस पार्टी के जीतने की संभावनाएं बढ़ती नजर आएंगी।
घाटी में आतंकवाद और सुरक्षा
जम्मू कश्मीर के चुनाव में इस बार भी आतंकवाद के साथ सुरक्षा जम्मू का मुद्दा उठा साथ ही घाटी की विधानसभा सीटों पर भी यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा हैं। हालांकि घाटी में इन दिनों आतंकी वारदातों में कमी देखी जा रही है। लेकिन जम्मू रीजन में हाल के दिनों में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है। जिसकी हवा जम्मू और कश्मीर दोनों ही रीजन की ओर तरफ बदली है। घाटी में इस बार भी चुनाव से पहले सुरक्षा हालात बेहतर हुए हैं। तो उधर जम्मू में भी तस्वीर बदली है।
अधिकांश सीटों पर बीजेपी कांग्रेस में सीधी फाइट
इस बार के चुनाव में जम्मू रीजन की अधिकांश विधानसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। वहीं कश्मीर घाटी की विधानसभा सीटों पर छोटे दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों की भी भरमार है। जिसने चुनावी मुकाबला बहुकोणीय बना दिया है।
एक अक्टूबर को मतदान, 8 को परिणाम
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में 40 विधानसभा सीट पर 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ होगी। उसी दिन चुनाव के नतीजों का ऐलान भी कर दिया जाएगा। बता दें राज्य की 50 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान पूरा हो चुका है। पहले चरण में 24 विधानसभा सीट 18 सितंबर तो दूसरे चरण में 26 विधानसभा सीटों पर 25 सितंबर को वोटिंग हुई थी।