शैतान ने लिखी आत्मा के बदले किताब…क्या है एक रात में लिखी गई किताब का राज़

शैतान ने लिखी आत्मा के बदले किताब...क्या है एक रात में लिखी गई किताब का राज़

हर धर्म में प्रचिन और पवित्र ग्रंथों की काफी मान्यता होती है। जैसे हिंदू धर्म में गीता, मुस्लिम धर्म में कुरान। वहीं ईसाई धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथ ‘बाइबिल’ के बारे में तो आप जरूर जानतें ही होंगे। लेकिन क्या आपने कभी ऐसी किताब के बारे में सुना है, जिसे ‘डेविल्स बाइबिल’ कहा जाता है। ‘डेविल्स बाइबिल’ यानि ‘शैतान की बाइबिल’, इसे दुनिया की सबसे रहस्यमयी किताब माना जाता है। इस किताब को ‘कोडेक्स गिगास’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके हर पन्नों पर शैतानों की तस्वीरे बनी हुई है और किताब में काले जादू से संबंधित जानकारिया और उसे करने की क्रियाओं का उल्लेख है। साथ हीं किताब में हर बिमारी के उपचार का तरीका और मानव ज्ञान के बारे में भी लिखा है। कहा जाता है की कोई इस किताब को पूरा नहीं पड़ सकता। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो, उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, यह फिर वो व्यक्ति पागल है जाता है, या उसके साथ कोई अनहोनी घट जाती है।

चमड़े के पन्नों से बनी 85 किलो वजनी किताब
किसी भी किताब को अमूमन कागज़ के पन्नो से बनाया जाता है। लेकिन ‘डेविल्स बाइबिल’ में कागज के पन्नों की जगह चमड़े का इस्तेमाल किया गया है। कुल 160 पन्नों की इस किताब का वजन लगभग 85 किलो के आसपास है और इससे उठाना किसी एक इंसान के बस की बात नहीं है। यह किताब 92cm लंबी है। कहा जाता है की इस किताब को एक रात में लिखा गया है।

शैतान ने लिखी किताब..

कहा जाता है कि 13वीं सदी में एक मोंक (सन्यासी) ने अपनी मठवासी प्रतिज्ञाओं को तोड़ दिया था, जिसके बाद उसे दीवार में जिंदा चुनवा देने की सजा सुनाई गई थी। इस कठोर दंड से बचने के लिए मोंक ने महज एक रात में ऐसी किताब लिखने का वादा किया, जो सबसे बड़ी हो और जिसमें सभी मानव ज्ञान और हर तरह की बीमारी का उपचार, और इनके अलावा कई चिजों का ज्ञान संग्रीत होगा। मोंक को इसकी इजाजत दे दी गई, लेकिन कहते हैं कि आधी रात को मोंक को यह समझ आ गया की अकेले एक रात में पूरी किताब को लिख पाना असंभव है। ऐसे में उसने शैतान से प्रर्थना की और उस्से मदद मांगी। शैतान ने मदद के बदले मोंक से उसकी आत्मा का सौदा किया। इसके बाद शैतान ने रात भर में ही पूरी किताब लिख डाली।

 

शोधकर्ताओं का क्या है मानना
वैज्ञानिकों का मानना है की प्राचीन समय में जब कोई आधुनिक उपकरण नहीं हुआ करते थे, उस समय चमड़े के पन्नों पर ऐसी किताब महज एक रात में पूरी लिख पाना नामुमकिन है। अगर दिन रात कर लगातार लिखा जाए तब भी ऐसी किताब को पूरा लिखने में कम से कम 20 साल का समय लग जाएगा। शोधकर्ताओं का कहना है की किताब की जो लिखावट है वो एक समान है। इससे ये तो साफ होता है की पूरी किताब किसी एक ने ही लिखी है। वहीं पूरी किताब को लिखने के लिए एक ही तरह की स्याही का इस्तेमाल किया गया है।

कहां है किताब..?
‘डेविल्स बाइबिल’ या ‘कोडेक्स गिगास’ स्टॉकहोम में स्वीडन की राष्ट्रीय लाइब्रेरी के ट्रेजरी रूम में एक कांच के केस में प्रदर्शित है। चूँकि किताब कई सालों तक खुले कवर के साथ प्रदर्शित होने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी, इसलिए अब इसे बंद कवर के साथ प्रदर्शित किया गया है।

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