Rail Budget 2023-24:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी बुधवार को संसद में देश का बजट पेश किया था। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। संसद में बजट पेश किए जाने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बजट के लिहाज से रेलवे की योजनाओं का खुलासा किया। इसके साथ ही रेल मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से अलग-अलग कामों के लिए खर्च की जाने वाली रकम की भी जानकारी शेयर की है।
- नई लाइन के लिए खर्च होंगे 39,660 करोड़ रुपये
- बढ़ेगी ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज की संख्या
- 30,749 करोड़ से बनेगी लाइन डबल
- 30,749 करोड़ से बनेगी लाइन डबल
- 4600 करोड़ में बदलेगा गेज
17,296 करोड़ से होगा ट्रैक रिन्यूअल
रेल मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अमृतकाल के पहले बजट में रेलवे के ट्रैक रिन्यूअल के लिए 17 हजार 296 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इस राशि से भारतीय रेल अपने नेटवर्क में इस्तेमाल की जा रही पुरानी पटरियों को बदलकर नई पटरियां बिछाएगी। रोलिंग स्टॉक प्रोडक्शन के लिए 51 हजार 510 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन पैसों से भारतीय रेल लोकोमोटिव, यात्री कोच और अन्य रोलिंग स्टॉक का निर्माण करेगी।
रेल मंत्रालय की ओर से बताया गया कि केन्द्र सरकार ने भारतीय रेल के लिए जो बजट जारी किया है उनमें से 39 हजार 660 करोड़ रुपये नई रेल लाइन को बिछाने में खर्च किया जाएगा। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि देश में नई रेल लाइन को लेकर भी बड़े स्तर पर काम होगा।
बनाए जाएंगे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज की संख्या
रेल ओवर ब्रिज और रेल अंडर ब्रिज के लिए 8 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भारतीय रेल इन पैसों से ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण करेगी। इसके अलावा दूसरे ब्रिज के लिए भी 1255 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यानी अलग-अलग ब्रिज के निर्माण के लिए कुल 9255 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेल मंत्रालय ने बताया कि सरकार द्वारा आवंटित की गई 2.40 लाख करोड़ रुपये में से 30 हजार 749 करोड़ रुपये रेल लाइन की डबलिंग के लिए खर्च किए जाएंगे। बताते चलें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में सिंगल लाइन वाले रेल रूट को तेजी से डबल लाइन में बदला जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने रेलवे लाइन के दोहरीकरण को गति देने के लिए मोटी रकम आवंटित की है। देश में अभी भी कई जगहों पर पुरानी लाइन जैसे नैरो गेज और मीटर गेज बिछी हुई हैं। केन्द्र सरकार ने इन गेज को दूसरे गेज में बदलने के लिए 4600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।