आज विश्व महिला दिवस है। हर साल आज 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विश्व स्तर पर विशेष रुप से मनाया जाता है। महिला सशक्तिकरण को दर्शाने वाले इस दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले 1909 में की गई थी। विश्व पटल पर महिला दिवस को औपचारिक मान्यता साल 1975 में उस समय मिली जब संयुक्त राष्ट्र ने भी इस जश्न के तौर पर मनाना शुरू कर दिया। संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए पहली थीम का चयन 1996 में किया था। इस थीम का नाम था ‘गुज़रे हुए वक़्त का जश्न और भविष्य की योजना बनाना। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। वैसे यह दिन समाज और सियासत के साथ आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की उन्नति के जश्न के तौर पर मनाया जाता है जबकि इस दिन की जड़े बहुत गहरी हैं। इस दिन के पीछे की सियासत की जो वजह हैं उसका मतलब यही है कि हड़ताल के साथ विरोध प्रदर्शन आयोजित कर महिलाएं और पुरुषों के बीच उस असमानता के प्रति जागरूक करना जो शायद आज भी कायम है।
- आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है
- महिला सशक्तिकरण को दर्शाने वाला है यह दिन
- 1909 में हुई थी महिला दिवस मनाने की अनौपचारिक शुरुआत
- 1975 से विश्व पटल पर मनाया जाने लगा महिला दिवस
- 1975 में मिली थी संयुक्त राष्ट्र से औपचारिक मान्यता
- 1908 में अमेरिका में हुए था मजदूर आंदोलन
- मजदूर आंदोलन में 15 हजार महिलाएं भी हुईं थी शामिल
- आंदोलन करने वाली महिलाओं की तीन मांग थी
- पहली मांग थी उनके नौकरी के घंटे कम किये जाएं
- दूसरी मांग थी वेतन में बढ़ोतरी की जाए
- महिलाओं की तीसरी मांग थी दिया जाए मतदान का अधिकार
यह है महिला दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया भर के देशों में मनाया जाता है। दरअसल यह एक ऐसा दिन है जब महिलाओं को राष्ट्रीय, जातीय ही नहीं भाषाई और सांस्कृतिक के साथ आर्थिक या राजनीतिक विभाजनों की परवाह किए बिना उनकी उपलब्धियों के लिए पहचाना जाता है।प्रारंभिक वर्षों से ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ने विकसित और विकासशील देशों में महिलाओं के लिए एक नया वैश्विक आयाम स्थापित किया। बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय महिला आंदोलन, जिसे चार वैश्विक संयुक्त राष्ट्र महिला सम्मेलनों की ओर से मजबूत किया गया है ने महिलाओं के अधिकारों और राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में भागीदारी के लिए समर्थन बनाने के लिए इसे यादगार बनाने की पहल की। बता दें साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दी गई। वैसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार उत्तरी अमेरिका और पूरे यूरोप में बीसवीं शताब्दी के आखिर में श्रमिक आंदोलन और उनकी गतिविधियों से उभरा। दरअसल 1908 में अमेरिका में हुए एक मजदूर आंदोलन में करीब 15 हजार से अधिक महिलाएं भी शामिल हुईं थीं। ये महिलाएं अपनी मांग को लेकर न्यूयॉर्क की सड़क पर उतरीं। इन महिलाओं की मांग यह थी कि उनके नौकरी के घंटे कम किये जाएं और वेतन में बढ़ोतरी की जाए। इतना ही नहीं उन्हें मतदान का अधिकार भी दिया जाए। इस आंदोलन के करीब एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी की ओर से महिला दिवस मनाने का एलान किया था।
संयुक्त राष्ट्र ने तय किया था 8 मार्च का दिन
साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च को चिह्नित किया गया था। इसके दो साल बाद आधिकारिक तौर पर इसे मान्यता दे दी गई थी। दुनिया भर के देशों में इस दिन को तब से मनाया जाता है। तब से इसकी जड़ें बहुत गहरी हो गईं।
वैसे संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी 1909 को संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाया गया था। अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने इस दिन को न्यूयॉर्क में 1908 में कपड़ा श्रमिकों की हड़ताल के सम्मान में नामित किया था। इस आंदोलन में महिलाओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। काम के घंटे कम करने और वेतन बढ़ाने के साथ मतदान करने का अधिकार देने की मांग को लेकर 15 हजार से अधिक महिलाआं ने शहर में मार्च निकाला था। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस IWD की वेबसाइट के अनुसार उसके बाद कई वर्षों तक फरवरी के आखिरी रविवार को ही महिला दिवस के रूप में मनाया जाता रहा था।