90 लाख करदाताओं ने किया अपडेटेड आईआरआर…सरकार को मिली इतनी राशि अतिरिक्त…वॉलंटरी कंप्लायंस स्कीम हो रही सफल!!

90 लाख करदाताओं ने किया अपडेटेड आईआरआर…सरकार को मिली इतनी राशि अतिरिक्त…वॉलंटरी कंप्लायंस स्कीम हो रही सफल!!

देश के 90 लाख करदाताओं ने फाइल किया अपडेटेड आईटीआर भारत सरकार को 9,118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिला
पिछले चार साल में 90 लाख से अधिक लोगों की ओर से अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं। जिससे भारत सरकार को 9,118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिला है। यह सरकार की ओर से शुरू की गई वॉलंटरी कंप्लायंस स्कीम वीसीएस की सफलता को भी दर्शाता है।

हाल ही में संसद को दी गई जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से 2022 में स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने की योजना के तहत अतिरिक्त आयकर का भुगतान करदाताओं के लिए किसी स्पेसिफिक असेसमेंट ईयर से 2 साल तक अपडेटेड आईटीआर आईटीआर-यू को फाइल करने का विकल्प पेश किया था।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की ओर से लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया गया है कि कुल मिलाकर, असेसमेंट ईयर 2021-22 से असेसमेंट ईयर 2024-25 के बीच करीब 9.176 मिलियन से अधिक आईटीआर-यू फाइल किए गए है। जिससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व के रुप में 9,118 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

वित्त राज्य मंत्री की ओर से बताया गया है कि करंट असेसमेंट ईयर 2024-25 में 28 फरवरी 2025 तक करीब 464,000 अपडेटेड आईटीआर दाखिल किए हैं। जिसके जरिए 431.20 करोड़ रुपये का कर चुकाया गया। बता दें सरकार ने फाइनेंस बिल, 2025 के जरिए अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को संबंधित असेसमेंट ईयर से चार साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। योजना की सफलता को देखते हुए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।

दरअसल डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय समावेशन के लिए सरकार की रणनीति का एक अभिन्न अंग है। ग्राहक और व्यापारियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए ही डिजिटल भुगतान उद्योग की ओर से किए गए व्यय को मर्चेंट डिस्काउंट रेट एमडीआर के माध्यम से वसूला जाता है। बता देंं मर्चेंट डिस्काउंट रेट एक शुल्क है। जिसे कारोबारियों और दूसरे कारोबार को डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी को देना होगा।

आरबीआई के रिकॉर्ड के अनुसार डेबिट कार्ड के लिए सभी तरह के कार्ड नेटवर्क पर लेनदेन मूल्य का 0.90 प्रतिशत तक का एमडीआर लागू है। वित्त राज्य मंत्री ने बताया एमडीआर अमूमन लेनदेन राशि के प्रतिशत के रूप में आता है। जबकि आरबीआई की माने तो डेबिट कार्ड के लिए सभी कार्ड नेटवर्क पर लेनदेन मूल्य का 0.90 प्रतिशत तक का एमडीआर लागू है। एनपीसीआई के अनुसार यूपीआई पी2एम पर्सन टू मर्चेंट लेनदेन के लिए करीब 0.30 प्रतिशत तक का एमडीआर लागू किया गया है। उन्होंने आगे कहा है कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2020 में रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन के लिए एमडीआर शून्य कर दिया गया था।

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