गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जिसे छोटे बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी पूरी श्रद्धा और उमंग के साथ मानते है। गणपति बप्पा जब घर में विराजमान होते है तब वे अपने साथ ढेरो खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा लाते है। गणेश चतुर्थी के 10 दिन बेहद ही शुभ माने जाते है। इस बीच आपका कोई भी ज़रूरी काम नहीं रुकते बल्कि, आपके सारे रुके हुए काम भी पूर्ण हो जाते है। लेकिन दसवा दिन भक्तों के लिए काफी कठिन होता है। क्योंकि दसवा दिन होता है गणपति बप्पा की विदाई का। जो गणेश उत्सव के समापन का प्रतिक है। इसमें बप्पा को विसर्जित कर दिया जाता है। ऐसा माना जाता है की गणपति जी हमारी सारी परेशानिया, दुख, दर्द अपने साथ ले जाती है, और अपने भक्तों में नई ऊर्जा भरते है। ताकि वे अपने जीवन का आगे का सफर बिना किसी परेशानी के व्यतीत कर सके और हर कठिनाइयों का डटकर सामना कर सके।
कब किया जाता है गणपति विसर्जन
आपको बता दे की भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के 14वें दिन गणपति विसर्जन किया जाता है। गणेश विसर्जन का यह महत्वपूर्ण अवसर अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर पड़ता है। इस साल गणेश विसर्जन 17 सितम्बर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग गणपति की विधिवत पूजा अर्चना कर उन्हें विदा करते है। साथ ही अगले वर्ष फिर उनसे वापस आने की प्रार्थना करते है।
बप्पा को विसर्जित करते समय इन बातों का रखे खास ख्याल..
*गणपति विसर्जित करते समय भगवन गणेश की मूर्ति का मुख घर की ओर होना चाहिए और पीठ बाहर की दिशा की ओर।
*अगर बप्पा की पीठ घर की ओर होगी तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।
*सही मुहुर्त के अनुसार ही बप्पा को विदा करे।
*विसर्जन से पूर्व अपने परिवार की सुख शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करे।
*अपनी सभी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
*विधि सनुसार पूजा करने के बाद ही बप्पा को विदा करना चाहिए।
गणपति विसर्जन का समय
पंचांग के अनुसार, इस साल गणपति विसर्जन 17 तारीख को सुबह 6 बजकर 07 मिनट के बाद से शुरू होगा। विसर्जन सुबह 9 बजकर 11 मिनट से दोपहर 1 बजकर 47 मिनट के बीच किया जा सकेगा। वही दोपहर को 3 बजकर 19 मिनट से शाम 4 बजकर 51 मिनट तक के बीच किया जाएगा।