बिहार में अब गरीबी से उबर रहे ये परिवार…’सतत् जीविकोपार्जन योजना’ ने बदल दी इन परिवारों की किस्मत
बिहार की नीतीश कुमार सरकार राज्य के हर वर्ग के उत्थान को लेकर प्रयासरत है। राज्य सरकार की कई योजनाओं का सीधा लाभ लोगों को मिल रहा है। इन्हीं योजनाओं में से एक योजना है सतत् जीविकोपार्जन योजना। इस योजना से अब तक बिहार के 95 हजार से अधिक अत्यंत गरीब परिवारों को गरीबी से बाहर निकलने में सरकार की सहायता मिली है।
- बिहार की ‘सतत् जीविकोपार्जन योजना’
- योजना’ बदली इन गरीब परिवारों की किस्मत
- 95 हजार गरीब परिवारों की बदली किस्मत
- बिहार सरकार की ‘सतत् जीविकोपार्जन योजना
- योजना से 95 हजार से अधिक अत्यंत गरीब परिवारों को मिला लाभ
- गरीबी से बाहर निकलने में मिली इन परिवारों को आर्थिक मदद
- सरकार की मदद से अत्यंत गरीब परिवारों को राहत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि राज्य में 2018 में प्रारंभ की गई ‘सतत जीविकोपार्जन योजना’ ने राज्य के गरीब परिवारों को न केवल सबल बनाया है बल्कि ऐसे परिवारों को स्वावलंबन की मुख्यधारा से भी जोड़ा है। बिहार में इस योजना से अब तक हजारों परिवार लाभान्वित हुए हैं।
बिहार में राज्य सरकार की ओर से सतत् जीविकोपार्जन योजना चलाई जा रही है। जिसका संचालन ग्रामीण विकास विभाग और जीविका परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस योजना का लाभ लेने वाले इन अत्यंत गरीब परिवारों के जीवन में भी नया सवेरा आ गया है।
जिसका पूरा पूरा श्रेय राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही जीविकोपार्जन परियोजना को ही जाता है। इस जीविका योजना से जुड़ने के बाद यह परिवार न सिर्फ अपनी आजीविका के लिए आत्मनिर्भर बन चुके हैं बल्कि अत्यंत गरीबी से भी इन परिवारों को मुक्ति मिल गई है।
1 लाख 85 हजार 122 अत्यंत गरीब परिवारों को मिली राशि
बिहार की नीतीश कुमार की सरकार की ओर से इस योजना के तहत अब अब तक राज्य के 2 लाख से अघिक अत्यंत गरीब परिवारों का चयन किया जा चुका है। इन चयनित परिवारों में से भी करीब 1 लाख 85 हजार से अधिक अत्यंत गरीब परिवार ऐसे हैं जिनको अपनी जीविकोपार्जन के लिए राशि प्रदान की गई है। बिहार के करीब 1 लाख 89 हजार 271 गरीब परिवारों को एकीकृत परिसंपत्ति जैसे गाय, बकरी आदि हस्तांतरित की गई है।
योजना का लक्ष्य अत्यंत गरीब परिवार को आत्मनिर्भर बनाना
जीविकोपार्जन योजना का उद्देश्य राज्य के बेहद गरीब और पिछड़े वर्ग के परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना है। खासकर राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों को इस योजना से जोड़ा गया है। योजना का लाभ लेने वाले कई परिवार ऐसे हैं जो पहले शराब और ताड़ी के काम से जुड़े हुए थे, लेकिन अब यह परिवार सम्मानजनक और स्थायी आजीविका के रास्ते पर चल पड़े हैं।
बता दें नीतीश कुमार सरकार की इस जीवीकोपार्जन योजना के तहत सभी पात्रताधारी परिवार को 1 लाख से 2 लाख रुपये तक का आर्थिक सहयोग राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है। इसके जरिए इन परिवारों ने पशुपालन जैसे व्यवसाय अपनाए हैं। जिससे उनकी आमदनी तो बढ़ी ही है साथ ही जीवन में स्थिरता भी आयी है।..प्रकाश कुमार पांडेय