झारखंड मुक्ति मोर्चा और राज्य के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बीच सियासी दरार बढ़ती जा रही है। इस बीच बड़ी खबर सामने आई है कि चंपाई सोरेन का भाजपा में शामिल होना तय हो गया है। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को लेकर जो सियासी कयास लगाए जा रहे थे उन पर अब विराम लग गया है। नवंबर—दिसंबर 2024 में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले मोर्चा के लिए य बड़ा झटका माना जा रहा है।
- असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने किया खुलासा
- केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से की चंपाई सोरेन ने मुलाकात
- सोशल मीडिया पर छाई शाह और चंपाई की मुलाकात की तस्वीर
- हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर तस्वीर की पोस्ट
- 30 अगस्त को बीजेपी का दामन थामेंगे चंपाई सोरेन
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है जिसमें कहा गया है कि झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन बीजेपी का दामन थामेंगे। चंपाई सोरेन इसी महीने की 30 तारीख को रांची में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। चंपाई सोरेन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई मुलाकात की एक तस्वीर भी हिमंता बिस्वा सरमा ने पोस्ट की है। बता दें झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के सह-प्रभारी सरमा भी इस बैठक में शामिल थे।
हिमंता विश्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर चंपाई सोरेन को देश का दिग्गज आदिवासी नेता बताते हुए लिखा है कि झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन जी की कुछ समय पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है। सोरेन शुक्रवार 30 अगस्त 2024 को झारखंड की राजधानी रांची में आधिकारिक रुप से बीजेपी में शामिल होंगे।
झामुमो नेतृत्व पर अपमान करने का आरोप
झारखंड मुक्ति मोर्चा झामुमो के नेता रहे राज्य के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने पार्टी नेतृत्व पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही चंपाई सोरेन ने घोषणा की थी कि वे जल्द ही अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर फैसला करने वाले हैं। तब यह अनुमान लगाया जा रहा था कि चंपाई बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अब यह अनुमान सही साबित होते नजर आ रहा है।
1991 में पहली बार विधायक बने थे चंपाई सोरेन
झारखंड के पूर्व सीएम और JMM झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे चंपई सोरेन सरायकेला सीट से विधायक 1991 में पहली बार चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। झामुमो के टिकट पर 1995 में जीत हासिल की 2005 से लगातार सरायकेला सीट से विधायक चुनकर आ रहे हैं। भाजपा सरकार में 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री भी रहे। 2019 में परिवहन मंत्रालय SC-ST और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बने। बिहार-झारखंड विभाजन में शिबू सोरेन के साथ अहम भूमिका निभाई। चंपई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से जाना जाता है।
हेमंत ने कहा था …पैसा चीज ही ऐसी है…अच्छे-अच्छे नेता इधर से उधर चले जाते हैं…!
बता दें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच उन पर बड़ा हमला बोला था। पिछले दिनों हेमंत सोरेन ने एक बयान में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बगैर उनका नाम लिया करारा निशाना साधा था। हेमंत सोरेन ने कहा था पैसे के चलते नेता इधर से उधर चले जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निशाना साधा तो वहीं हेमंत सोरेन ने BJP पर भी बड़ा आरोप लगाया है और कहा कि BJP पैसे और शक्ति के दम पर उनकी पार्टी और घर को तोड़ने की कोशिश कर रही है। बीजेपी दरअसल पार्टियों को तोड़ने का ही काम करती है। लालची नेताओं को बीजेपी अपने साथ मिला लेती है।
नवंबर-दिसंबर में झारखंड विधानसभा चुनाव
बता दें झारखंड विधानसभा के चुनाव साल के अंत में हो सकते हैं। राज्य विधानसभा के सभी 81 सदस्यों के चुनाव के लिए नवंबर या दिसंबर 2024 में कार्यक्रम घोषित किया जा सकता है। दरअसल झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होने वाला है। पिछली बार दिसंबर 2019 में विधानसभा चुनाव कराये गये थे।
महाराष्ट्र के साथ हो सकते हैं झारखंड के चुनाव
चुनाव आयोग ने पिछले दिनों जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। उम्मीद है कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव साथ में करवा सकता है दरअसल झारखंड में पिछली बार 2019 में विधानसभा चुनाव संपन्न कराये गये थे। 2019 में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में आयोजित किए गए थे। जिसका पहला चरण 30 नवंबर को तो दूसरे चरण में 7 दिसंबर मतदान कराया गया था। जबकि तीसरा चरण 12 दिसंबर, चौथा चरण 16 दिसंबर और पांचवें चरण में 20 दिसंबर को मतदान कराया गया था। विधानसभा चुनाव नतीजों का ऐलान 23 दिसंबर 2019 को किया गया थी। इसके बाद राज्य में झामुमो, राजद और कांग्रेस गठबंधन की सरकार अस्तित्व में आई थी और हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री चुना गया था। पिछली बार 219 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन को जहां 81 में से विधानसभा की 47 सीट मिली थीं। जिसमें झामुमो— 30, कांग्रेस— 16 और राजद के खाते में 1 सीट आई थी। उधर बीजेपी को 37 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। वहीं जेवीएम (पी)— 3, आजसूपी — 2 और 4 सीट अन्य के खाते में गई थीं।