महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ चुके हैं। राज्य में महायुति गठबंधन को बंपर वोटों के साथ वापसी करने का मौका मिला है, लेकिन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अब भी सस्पेंस बना है। अभी तक ये क्लियर नहीं हुआ है। एक ओर जहां बीजेपी संगठन में कई दौर की बातचीत नेताओं के बीच हो चुकी है तो वहीं एनसीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) भी अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल के दौर के बीच राज्य के कार्यकाारी सीएम एकनाथ शिंदे का दरयागांव जाना अब सुर्खियों में है।
- महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस
- महायुति गठबंधन की बंपर वोटों के साथ वापसी
- महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर बना सस्पेंस
- अभी तक ये क्लियर नहीं हुआ है, कौन होगा सीएम
- बीजेपी संगठन में कई दौर की बातचीत
- एनसीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) भी रणनीति बनाने में जुटे
- महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल का दौर
- सुर्खियों में एकनाथ शिंदे का दरयागांव जाना
दरअसल शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता संजय शिरसाट ने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को जब कोई बड़ा राजनीतिक फैसला लेना होता है या वे किसी परेशानी में घिरे होते हैं, ऐसी परिस्थितियों में फंसते हैं तो वे अपने पैतृक गांव दरयागांव जाते हैं। इस बार भी शिंदे गांव गये हैं।
ऐसे में शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता संजय शिरसाट ने कहा एकनाथ शिंदे के सामने जब भी कोई राजकीय पेच आता है, उन्हें सोचने विचार करने के लिए समय चाहिए होता है तो वे दरयागांव को ही प्राथमिकता देते हैं। दरअसल वहां न उनका मोबाइल नेटवर्क रहता है और न ही उनसे किसी प्रकार का संपर्क हो पाता है। ऐसे में वे शांति से विचार मंथन कर, कोई बड़ा निर्णय लेकर गांव से लौटते हैं।
शिंदे गुट के नेता शिरसाट के मुताबिक एकनाथ शिंदे इस समय भी दरयागांव में हैं। वे जल्द किसी बड़े फैसले की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा एकनाथ शिंदे के फैसले हमेशा गहराई से सोचने के बाद आते हैं। इस बार भी एकनाथ शिंदे कुछ बड़ा करेंगे।
जानते हैं दरयागांव की क्या है खासियत?
महाराष्ट्र में दरयागांव उस समय से चर्चा में आया जब एकनाथ शिंदे सीएम बने। क्योंकि शिंदे के जीवन और राजनीति का अहम हिस्सा यह गांव रहा है। दरयागांव को उनकी ‘सोचने की जगह’ के रूप में जाना जाता है। यहां शिंदे खुद को किसी भी बाहरी दबाव से पूरी तरह दूर रखते हैं। गांव से लौटने के बाद उनके फैसले ने अधिकांश बार राजनीति में कई बड़े बदलाव किए हैं। इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में चल रहे उथल-पुथल के बीच सीएम शिंदे का यह कदम कई कयासों को जन्म देता है। सियासी पंडित मानते हैं कि मौजूदा हालात में शिंदे का फैसला महाराष्ट्र की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)