दीवाली के दूसरे दिन आज साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। भारत में ग्रहण होने से इसका सूतक काल सुबह बजे से मान्य रहेगा। यह ग्रहण देश में आंशिक रूप से दिखाई देगा। इस आर्टिकल में जानें सूर्य ग्रहण का समय, सूतक काल व इस दौरान क्या कार्य वर्जित होते हैं।
ये है सूर्य ग्रहण का समय
भारत में आंशिक रूप से दिखने वाला ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे 3 मिनट का होगा। ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका मोक्ष शाम 6 बजकर 32 मिनट पर होगा। भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी और सूर्यास्त पर समाप्त होगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ वर्जित
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव होते हैं। इसी वजह से ग्रहण के दौरान शुभ कार्य और पूजा पाठ नहीं किया जाता। ग्रहण काल के दौरान सूर्य की शुभता में कमी आ जाती है।
सूर्य ग्रहण के दौरान ये कार्य भूलकर भी न करें
- सूतक काल में न ही भोजन बनाया जाता है और न ही ग्रहण किया जाता। हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं।
- यदि भोजन पहले से बना रखा है तो उसमें तुलसी का पत्ता तोड़कर डाल दें। दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्ता डालें। तुलसी के पत्ते के कारण दूषित वातावरण का प्रभाव खाद्य वस्तुओं पर नहीं पड़ता।
- सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से ध्यान रखें। सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें और अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाकर रखें। मान्यता है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
- सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें।
- सूतक काल में घर के मंदिर में भी पूजा पाठ न करें। ग्रहण काल के दौरान भगवान के नाम का मानसिक जाप करें।
देश के प्रमुख शहरों में इस समय देखा जा सकेगा ग्रहण
दिल्ली- शाम 4 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 42 मिनट तक
अमृतसर- शाम 4 बजकर 19 मिनट से 5 बजकर 48 मिनट तक
भोपाल- शाम 4 बजकर 49 मिनट से 5 बजकर 46 मिनट तक
जयपुर- शाम 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 49 मिनट तक
मुंबई- शाम 4 बजकर 49 मिनट से 6 बजकर 09 मिनट तक
रायपुर- शाम 4 बजकर 51 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक
(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं व कैलेंडर पर आधारित है।