इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम फटकार…एसबीआई को देना ही होगी यह जानकारी

Supreme Court State Bank of India Electoral Bond Supreme Court Five member Bench Election Commission

सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में जमकर फटकार लगाई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी देने के लिए समय बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने कहा कि एसबीआई मंगलवार तक इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग दे। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने पिछले माह फरवरी में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर रोक लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से चुनाव आयोग को एक दिन बाद मंगलवार की शाम 5 बजे तक जानकारियां प्रकाशित करने के भी आदेश एसबीआई को दिए गए हैं। बता दें बैंक ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने अदालत को बताया है कि बैंक को जानकारी जुटाने के लिए अभी और समय की आवश्यकता है। साल्वे ने इसके लिए मामले की संवेदनशीलता का हवाला भी दिया और पूरी प्रक्रिया में नाम नहीं होने की बात भी कही। बैंक के वकील साल्वे ने कोर्ट को बताया कि दानदाता की जानकारी को बैंक की तय शाखाओं में सील बंद लिफाफे में रखा जाता है। जहां से कलेक्ट करने में समय लग सकता है।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने एसबीआई की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा ‘आप कह रहे हैं कि जानकारियों को सीलबंद लिफाफे में रखा गया है। मुंबई ब्रांच में सीलबंद लिफाफे में जमा कराया गया है। उन्होंने कहा कोर्ट के निर्देश जानकारियों का मिलान करने के लिए नहीं थे। कोर्ट चाहती थी कि SBI दानदाताओं की जानकारी सामने रखे। लेकिन आप आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं?’

कोर्ट ने बैंक से कहा- 26 दिन तक क्या किया

शीर्ष न्यायालय ने 30 जून 2024 तक का समय मांगने पर एसबीआई को फटकार लगाई है। अदालत ने यह भी कहा कि पिछले 26 दिन में आपने क्या कदम उठाए हैं। आवेदन में इस पर कुछ भी जानकारी नहीं दी गई है। वहीं पांच सदस्यीय बेंच में शामिल जस्टिस खन्ना ने कहा कि सभी जानकारियां सीलबंद लिफाफों में हैं। आपको केवल उन लिफाफों को खोलना है और जानकारी देनी है। दरअसल एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के लिए 30 जून 2024 तक का समय मांगा था। ऐसे में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। पांच सदस्यीय बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना के साथ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस जेबी पारदीवाला के अलावा जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं।

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