चुनावी बेला में भारत राष्ट्र समिति के तीन दर्जन प्रमुख नेताओं का बडा ग्रुप कांग्रेस पार्टी में होगा। लगातारी तीसरी बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री बनने का के. चंद्रशेखर राव का सपना क्या पूरा होगा? कांग्रेस पार्टी और भाजपा दोनों से एकबार फिर जब जमकर सियासी युद्ध होना है, उसके ठीक पहले सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कोलूर से पांच बार के विधायक जुपल्ली कृष्णा राव और वरिष्ठतम नेताओं में शुमार पोंगुलेती श्रीनिवास रेड्डी की अगुवाई में सोमवार को नेताओं का समूह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक पेशकश की।
खम्मम क्षेत्र कांग्रेस और वामदलों का गढ
माना जा रहा है कि अगले महीने के पहले हफ्ते में सभी नेताओं को तेलंगाना के खम्मम क्षेत्र में एक बडे कार्यक्रम के मार्फत पार्टी में शामिल किया जाएगा। खम्मम से ही कांग्रेस की पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी भी आती हैं। तेलंगाना का नक्सल प्रभावित खम्मम क्षेत्र कांग्रेस और वामदलों का गढ रहा है। यही वजह रही कि श्रीनिवास रेड्डी और कृष्णा राव को भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण दल से निकाल बाहर किया तो दोनों नेताओं ने कांग्रेस की ओर रुख किया।
मददगार होगा नेताओं का आना
सूबे में मप्र, छत्तीसगढ, राजस्थान और मिजोरम के साथ नवंबर महीने में विस चुनाव होने हैं। पडोसी के राज्य कर्नाटक में कांग्रेस को मिली एकतरफा जीत के बाद तेलंगाना में फिर से कांग्रेस को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जान फूंकने में भारतीय राष्ट्र समिति के वरिष्ठ नेताओं की आमद बहुत मदद करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि विपक्षी एकता समूह में कांग्रेस ने चूंकि भारत राष्ट्र समिति से दूरी बनाकर रखी थी लिहाजा माना जा रहा है कि आगामी विस चुनाव में वामदल के साथ भारत राष्ट्र समिति का गठबंधन खम्मम में नहीं हो सकेगा। विदित हो कि गत नवंबर में सूबे के सीमावर्ती विस क्षेत्र मुनुगोडे में भारत राष्ट्र समिति ने वामदलों के सहयोग से भाजपा के प्रत्याशी को हराने में सफलता पाई थी।
भाजपा को देना है बड़ी टक्कर
कृष्ण राव ने इस बात को बताने में गुरेज नहीं किया कि महबूबनगर के ही उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी डीके अरुणा चूंकि भाजपा के बडे नेता हैं इसीलिए उनसे सीधे टक्कर के लिए कांग्रेस का साथ लेने का उन्होंने फैसला किया। श्रीनिवास रेड्डी खम्मम के मजबूत नेता रहे हैं। खम्मम में भारत राष्ट्र समिति उस तरह से मजबूत नहीं हो पाई यही वजह था कि 2014 में श्रीनिवास रेड्डी वाईएसरआर कांग्रेस से लोकसभा के प्रत्याशी बने थे और जीत भी हासिल की थी। अपनी जीत के साथ वाईएसआर कांग्रेस के तीन विधायकों को जिताने में उनकी भूमिका रही।