श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामला: हिंदू पक्ष की हुई बड़ी जीत…मुस्लिम पक्ष की रिकॉल एप्लीकेशन खारिज

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामला: हिंदू पक्ष की हुई बड़ी जीत...मुस्लिम पक्ष की रिकॉल एप्लीकेशन खारिज

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामला: हिंदू पक्ष की हुई बड़ी जीत…मुस्लिम पक्ष की रिकॉल एप्लीकेशन खारिज

यूपी में मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट एक अहम फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की कोर्ट बुधवार दोपहर बाद 3:50 पर सभी 15 वादों को कंसोलिडेशन यानि एक साथ सुनवाई करने के मामले पर हिंदू पक्ष की तरफ फैसला सुनाया। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रिकॉल एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है।
मथुरा के श्री कृष्ण जन्म स्थान और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अगली सुनवाई अब 6 नवंबर को तय की गई है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की कोर्ट ने सुनाया फैसला
श्रीकृष्ण जन्म स्थान और शाही ईदगाह विवाद
सभी वादों की एक साथ होगी सुनवाई
आदेश वापसी की अर्जी पर हुई थी बहस
कोर्ट ने 16 अक्टूबर को आदेश किया था रिजर्व
मस्जिद पक्ष ने रखी कोर्ट में दलील
‘सभी वादों में मांगी गई राहत अलग और असमान’
‘सभी वाद की एक साथ सुनवाई सही नहीं’
मंदिर पक्ष की ओर से दी गई यह दलील
‘सभी वादों का मुद्दा एक, अलग सुनने का औचित्य नहीं’

मुस्लिम पक्ष ने 15 वादों की एक साथ सुनवाई करने के 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए एक रिकॉल एप्लिकेशन दाखिल की थी। जिस पर 16 अक्टूबर को बहस पूरी हो गई थी । जस्टिस मयंक कुमार जैन ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी मामले पर आज बुधवार को फैसला सुनाया गया। पिछली बार 16 अक्टूबर 2024 को कोर्ट में हुई बहस के दौरान मस्जिद पक्ष की ओर से यह तर्क दिया था कि सभी 15 वादों के अनुतोष अलग अलग और असमान है। इसके चलते इन सब को एक साथ सुनना सही नहीं होगा। सभी में वाद बिंदुओं के अनुसार अलग- अलग सुनवाई की जानी चाहिए। और रिकॉल आवेदन को स्वीकार करने की कोर्ट से प्रार्थना की थी।

मुद्दा एक तो अगल सुनवाई औचित्यहीन

हिंदू पक्ष का कहना है कि सभी वादों का मुद्दा एक है तो अलग-अलग सुनने का औचित्य नहीं बनता है। 11 जनवरी 2024 का कोर्ट का आदेश सही है। इससे पहले कोर्ट ने श्रीकृष्ण भूमि व शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल किए गए सभी 15 वादों को एक साथ सुनने के आदेश दिया था। वहीं वादों की पोषणीयता को लेकर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की
आपत्ति को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही वाद बिंदु तय करने के लिए पक्ष रखने का आदेश दिया था। वहीं मंदिर पक्ष की ओर से इसका विरोध किया। विरोध के साथ यह कहा गया था कि अदालत को एक ही मुद्दे को लेकर दाखिल सभी वाद एक साथ सुनने का अधिकार है। दो या अधिक वादों को एक साथ सुनवाई करने का विवेकाधिकार कोर्ट के पास है। सभी वाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल से अवैध कब्जा हटाकर कटरा केशव देव को कब्जा सौंपने के संबंधित है।

मस्जिद पक्ष की ओर से 16 अक्टूबर को पर तस्नीम अहमदी व महमूद प्राचा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दलील दी थी कि अलग अलग मांग के साथ दाखिल वादों की एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती। सभी वादों को संयुक्त करने का आदेश पोषणीय नहीं है, क्योंकि सभी पक्षकारों से सहमति नहीं ली गई है। जिसमें उन्होंने कोर्ट में सभी मामलों को एक साथ सुनने के आदेश को वापस लेने की प्रार्थना की थी। मंदिर पक्ष की तरफ से विष्णु शंकर जैन, रीना एन सिंह ने पक्ष रखा। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने दलील दी कि रिकॉल प्रार्थना मामले को उलझाने के लिए दाखिल किया गया है। सभी विवादों का एकत्रीकरण कर तत्काल वाद बिंदु तय कर सुनवाई करने की प्रार्थना की।

प्रकाश कुमार पांडेय

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