भोपाल में मंत्रियों का लगा जमावड़ा, मंत्री चिंता में हैं, क्या सवाल पूछेंगे मुखिया, क्या कैबिनेट में फेरबदल होगा

Speculation of Shivraj cabinet expansion

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और सरकार तैयारी में जुट गई है। आज रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को बुलाया है। आज पूरे दिन मंत्री भोपाल में ही रहेंगे। विकास यात्रा के बीच सभी मंत्री भोपाल पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री सभी से वन टू वन चर्चा करेंगे। विकास यात्रा का फीडबैक लिया जाएगा। वहीं शाम को कैबिनेट बैठक भी होगी। सीएम के सभी मंत्रियों को अचानक भोपाल बुलाए जाने पर अटकले लगाई जा रही है कि कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है।

दरअसल शिवराज कैबिनेट में शामिल कई मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है। प्रभार वाले जिलों में रुचि न लेने पर मंत्रियों के खिलाफ इन जिलों के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों में नाराजगी है। बता दें लंबे अर्से से शिवराज कैबिनेट में फेरबदल होने की चर्चा गरमा चुकी है। लेकिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव के चलते मामला टलता गया। इस बीच गुजरात में बीजेपी को बंपर जीत मिली। ऐसे में गुजरात मॉडल पर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया। इसके मुताबिक चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दो तो एंटी इनकंबेंसी से निजात मिल सकती है। गुजरात में बीजेपी ने ऐसा ही किया था। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में एक कार्यक्रम में ये कहा ​था कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से मुख्यमंत्री बने हैं। सिंधिया जी नहीं होते तो वे सीएम नहीं होते।

ये बात सहीं भी है क्योंकि 2018 का विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ा गया था, लेकिन बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस से बगावत और सिंधिया का अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने थे। ऐसे अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सिंधिया फिर मप्र की सियासत में सक्रिय हो रहे हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत से शिवराज की मुलाकात के बाद ये सवाल खड़ा हो रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कोई बड़ा निर्णय हो सकता है। क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संघ प्रमुख ने कोई निर्देश दिए हैं। जो मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा उसमें क्या सिंधिया समर्थकों को रखा जा सकता है। सिंधिया समर्थकों को नहीं रखा जाता है तो क्या बड़े इनाम के तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव में सिंधिया के चेहरे को और मजबूती के साथ रखा जा सकता है।

खत्म नहीं हुई है मप्र में कांग्रेस की जमीन

ज्योतिरादित्य सिंधिया जब तक कांग्रेस में रहे कांग्रेस मजबूत रही, लेकिन कांग्रेस छोड़ने के बाद भी कांग्रेस की जमीन मप्र में खत्म नहीं हुई है। 2018 में मिली जीत के बाद सिंधिया के बिना कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था। जिससे ये साबित होता है कि मप्र में कांग्रेस की जमीन खत्म नहीं हुई है।ऐसे में बीजेपी हर कदम फूंक फूंक कर आगे बढ़ा रही है।

रविवार को कैबिनेट की बैठक सामान्य बात नहीं

मुख्यमंत्री ने आज शाम कैबिनेट की भी बैठक बुलाई है। अमूमन कैबिनेट की बैठक मंगलवार को होती , लेकिन अचानक रविवार को बुलाई गई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि रविवार के दिन कैबिनेट बैठक बुलाना सामान्य बात नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भोपाल में रविवार को कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

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