संसद का विशेष सत्र : रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंच जाता है यह कल्पना से परे

Special session of Parliament

पुरानी संसद अब इतिहास में शामिल होने जा रही है। सोमवार से संसद का पांच दिनी विशेष सत्र प्रारंभ हुआ। अब मंगलवार 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही संसद की नई बिल्डिंग में होगी। इससे पहले सोमवार 18 सितंबर को विशेष सत्र के पहले दिन संसद की कार्यवाही शुरु हुई। पहले दिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने भावुक स्पीच दी।

देश इतना सम्मान देगा यह कभी कल्पना नहीं की थी

पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन में अपनी अंतिम स्पीच के दौरान कहा देश 75 साल की संसदीय यात्रा का एक बार फिर से संस्मरण करने का दिन है। ये अवसर नए सदन भवन में जाने के लिए उन प्रेरक पलों को इतिहास की अहम घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का है। पीएम ने कहा हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन के इतिहास का उल्लेख किया और कहा आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन के रूप में पहचान मिली। इस भवन का निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों ने लिया था। आज हम यह बात गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम हमारे देशवासियों का लगा था। पैसे भी हमारे देश के लोगों के लगे। पीएम ने कहा वे पहली बार जब संसद आये थे तो उनहोंने सहज रूप से संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुकाया था। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करते हुए उन्होंने संसद भवन में पैर रखा था। वह पल उनके लिए भावनाओं से भरा हुआ था। वे कल्पना नहीं कर सकते थे, लेकिन भारत के लोकतंत्र की यही ताकत है रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंच जाता है। पीएम ने कहा उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश उन्हें इतना सम्मान देगा।

ने​हरु-शास्त्री का भी किया पीएम ने उल्लेख

पीएम नरेन्द्र मोदी ने सत्र के पहले दिन अपने भाषण में पुरानी सरकारों का उल्लेख किया। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरु और लाल बहादुर शास्त्री तक का उल्लेख किया और कहा ये वो सदन है जहां कभी भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने अपनी वीरता सामर्थ्य को बम का धमाका किया। अंग्रेजी सरकार को जगाया था। उन्होंने कहा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे…सरकारें आएंगी जाएगी। पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन ये देश बना रहना चाहिए। वहीं पंडित नेहरू की जो प्रारंम्भिक कैबिनेट थी। उसमें बाबा साहेब डॉ अंबेडकर का बहुत योगदान दिया करते थे। बाबा साहेब ने देश को नेहरू जी की सरकार में देश को मददाता पॉलिसी दी थी। बाबा साहेब आंबडेकर कहते थे कि देश का औद्योगिकरण होना चाहिए। क्योंकि उससे देश के दलितों का भला होगा। वहीं श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इस देश में पहली औद्योगिक नीति दी। शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौंसला संसद के इसी सदन से बढ़ाया था। वहीं स्वर्गीय इंदिरा गांधी को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन इदिरा गांधी के नेतृत्व में इसी सदन ने देखा था।

विपक्षी गठबंधन करेगा सीईसी की नियुक्ति का विरोध

बता दें केंद्र सरकार ने संसद का पांच दिनी विशेष सत्र ये बुलाया है। 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले इस स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान 4 बिल भी संसद में पेश किए जाएंगे। वहीं कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी कि इंडिया अलायंस से जुड़ी पार्टियां मुख्य चुनाव आयुक्त बिल का विरोध करेंगी। दरअसल कांग्रेस को डर है कि सरकार का कोई छिपा हुआ एजेंडा है। सरकार की ओर से एजेंडा स्पष्ट करने के बावजूद विपक्षी दल कांग्रेस ने आशंका जताई है कि सरकार कोई छिपा हुआ एजेंडा सामने ला सकती है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि उनकी पार्टी की मांग है कि महिला आरक्षण बिल को केंद्र सरकार के विशेष सत्र में पारित कराया जाए। वहीं आम आदमी पार्टी का भी कहना है कि सभी पार्टियों ने सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह को बहाल करने की मांग की है। वहीं संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के साथ ही अटकलें शुरू हो गईं कि इसका मकसद क्या है। एक और विधेयक जिस पर चर्चा हो सकती है वह महिला आरक्षण विधेयक है क्योंकि कांग्रेस पार्टी के नेता विशेष सत्र के दौरान इस पर जोर देने की तैयारी कर रहे हैं। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने इस संसद सत्र में विधेयक पारित करने की मांग की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि उनकी पार्टी की मांग है कि महिला आरक्षण बिल को केंद्र सरकार के विशेष सत्र में पारित कराया जाए।

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