दक्षिण कोरिया के 5.1 करोड़ लोगों की उम्र एक रात में एक से दो साल कम हो गई है. सुनकर हैरान मत होइए, लेकिन ये सच है. दरअसल दक्षिण कोरिया ने एक नया कानून बनाया है, जिस कारण अब इस देश में उम्र मापने के लिए इंटरनेशल स्टैंर्ड्स का इस्तेमाल होगा. दरअसल दक्षिण कोरिया में सालों से कई क्षेत्रों में पारंपरिक तरीके से उम्र गिनी जाती थी जिससे सरकार पर ‘गैर-जरूरी सामाजिक और आर्थिक लागत’ आता था और कई तरह के विवाद भी होते है. इन्हीं विवादों और कन्फ्यूजन को खत्म करने के लिए दक्षिण कोरियाई संसद ने इस कानून को पास किया है.
देश ने सालों पुराने तरीके को किया खत्म
दक्षिण कोरिया चिकित्सा और कानूनी उद्देश्यों के क्षेत्र में आयु की गणना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मापदंडो का 1960 के दशक से इस्तेमाल कर रहा है. लेकिन इसके बाद भी कई लोग सालों से उम्र गिनने के लिए पुराने तरीके का ही इस्तेमाल कर रहे है, इस तरीके से लोगों की उम्र अंतरराष्ट्रीय मानकों से 1 साल ज्यादा होती है. इसलिए अब दक्षिण कोरियाई सरकार ने पारंपरिक तरीके को त्यागने और अंतरराष्ट्रीय मानक को पूरी तरह से अपनाने के लिए कानून पास किया है, जिसके चलते देशभर के लोगों की उम्र एक साल कम हो गई है.
क्या था पुराना कानून ?
अंतराष्ट्रीय मानकों को लागू करने से पहले दक्षिण कोरिया में पारंपरिक तरीके से लोगों की उम्र गिनी जाती थी. जिसके चलते पैदा होने वाले बच्चा सीधे 1 साल का माना जाता था. इसके अलावा इस उम्र में हर जनवरी को एक वर्ष के रूप में जोड़ा जाता था. ऐसे में बच्चा 12 महीने बाद सीधे 2 साल का हो जाता था. अब दक्षिण कोरियाई संसद में इस कानून के पास हो जाने के चलते लोगों के बीच उम्र का कन्फ्यूजन मिट जाएगा.
सर्वे में लोगों ने कानून का किया समर्थन
दक्षिण कोरिया की सरकार द्वारा उम्र मापने के तरीके को बदलने के लिए सर्वे कराया गया था. इस सर्वे में 86 प्रतिशत दक्षिण कोरियाई लोगों ने नए कानून को अपना समर्थन दिया था. लोगों का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय मापदंड आने के बाद लोगों में उम्र का कन्फ्यूजन दूर होगा.
क्या होगा फायदा?
इस नए कानून से कोरियाई उम्र और अंतराष्ट्रीय उम्र का कन्फ्यूजन हट जाएगा और कई परेशानियां भी खत्म हो जाएगी. नए कानून से सरकार के कई अनावश्यक खर्चों में भी कटौती होगी. कई सारे विवाद खत्म होंगे. हालांकि कुछ परिस्थितियों में सरकार अभी भी पुराना नियम का ही इस्तेमाल करेगी.