कभी यूपी की राजनीति में सक्रिय रहने वाला गांधी परिवार ने अब यूपी से अलविदा कह दिया है। सोनिया गांधी चुनावी मैदान छोड़कर राजस्थान के रास्ते राज्यसभा जाने का फैसला किया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। दरअसल यूपी के अमेठी और रायबरेली से पांच बार की सांसद कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अब राज्यसभा जा रही हैं।
- यूपी से हो रहा गांधी परिवार को मोह भंग
- क्या रामलहर ने रोका गांधी परिवार का यूपी सफर
- क्या राम लहर में सोनिया गांधी ने यूपी में कर दिया है सरेंडर
- वायनाड से राहुल सांसद,इसलिए दक्षिण नहीं गईं सोनिया गांधी
1999 से 2024 तक लोकसभा सांसद चुनीं गईं सोनिया गांधी
1999 में अमेठी, बैल्लारी और फिर 2004 से लेकर 2019 तक रायबरेली से कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी आखिर क्या वजह है कि अबकी बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। क्या उन्हें अपनेे सहयोगी समाजवादी वादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मदद से भी लोकसभा चुनाव में जीत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। क्या राम लहर की वजह से गांधी परिवार का यूपी से एग्जिट हो रहा है।
2019 में अमेठी से राहुल गांधी को मिली थी करारी हार
बता दें 2019 में यूपी की अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव हारे थे। उन्हें दक्षिण में वायनाड सीट पर लोगों का साथ मिला था। यूपी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय ने यह जरुर कहा था कि अमेठी की जनता चाहती है कि राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस ने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं कि राहुल गांधी इस बार कहां से चुनाव लडे़ंगे। सवाल यह भी है कि क्या नेहरु गांधी परिवार को उत्तरप्रदेश में कोई सेफ सीट नजर नहीं आ रही है। दरअसल राहुल गांधी पहले ही अमेठी से केरल जा चुके हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने पर पहले से ही सस्पेंस बना हुआ है। ऐसे में कहा जा रहा है क्या गांधी परिवार ने उत्तरप्रदेश से माइग्रेट कर लिया है।
बीजेपी का दावा कांग्रेस को यूपी की 80 से एक भी सीट नहीं मिलेगी
सोनिया गांधी ने राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। सोनिया गांधी के राज्यसभा के लिए राजस्थान से नामांकन दाखिल करने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा तंज कसा है। बीजेपी का कहना है उत्तर प्रदेश कभी गांधी परिवार का गढ़ माना जाता था। लेकिन अब गांधी परिवार उत्तर प्रदेश से माइग्रेट कर चुका है। उसने अपना बस्ता बांध लिया है। इसके साथ 1977 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि यूपी से नेहरु गाँधी परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा या राज्यसभा में नहीं होगा। बीजेपी का दावा है कि दरअसल कांग्रेस को पता है कि इसबार लोकसभा चुनाव में उसे उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में एक भी सीट नहीं मिलेगी। दरअसल गांधी परिवार ने अब अपने मान जातने वाले हर गढ़ को छोड़ दिया है। क्योंकि पार्टी की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पारिवारिक क्षेत्र रायबरेली से लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने के बजाय राज्यसभा जाने का फैसला किया है। समाजवादी पार्टी की ओर से लोकसभा की 11 सीटों की पेशकश के बावजूद, कांग्रेस को यूपी में कोई सीट नहीं मिलेगी।
गांधी नेहरु परिवार की दूसरी सदस्य जो राज्यसभा में दिखाई देंगी
सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र भरते ही यह साफ हो गया कि वे गांधी -नेहरू परिवार से दूसरी ऐसी सदस्य होंगी जो संसद के उच्च सदन मेंजा रही हैं। इससे पहले देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी यूपी से ही राज्यसभा गईं थीं। पूर्व पीएम स्वर्गीय इंदिरा गांधी 1964 से 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं थी। अब इंदिरा गांधी के बाद सोनिया गांधी ही नेहरू परिवार की दूसरी सदस्य होंगी जो राज्यसभा में प्रवेश लेने जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि 1964 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन होने के बाद इंदिरा गांधी अगस्त 1964 में यूपी से राज्यसभा के लिए चुनी गईं थीं। फरवरी 1967 तक इंदिरा गांधी यूपी से राज्यसभा की सदस्य रहीं। तब इंदिरा गांधी तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की कैबिनेट में बतौर सूचना और प्रसारण मंत्री शामिल हुई थीं।
सोनिया गांधी का रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का सफर
सोनिया गांधी ने यूपी के रायबरेली और अमेठी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने साल 1999 में अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी सीट से पहला चुनाव लड़ा। वे दोनों ही सीट से जीत गईं लेकिन उन्होंने बेल्लारी को छोड़ दिया और अमेठी की सांसद बनी रहीं। इसके बाद 2004 में सोनिया गांधी ने अमेठी छोड़कर रायबरेली से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। दरअसल रायबरेली को यूपी की प्रमुख लोकसभा सीटों में से एक माना जाता है। इस सीट से नेहरू गांधी परिवार के साथ ही कांग्रेस से भी ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। साल 1952 में फिरोज गांधी पहली बार रायबरेली सीट से ही लोकसभा का चुनाव जीते थे। इसके बाद इंदिरा गांधी ने भी इस सीट से ही चुनाव लड़कर जीत हासिल थी। इसके बाद सोनिया गांधी ने चुनावी राजनीति की शुरुआत इसी सीट से की। वे साल 2004 और 2009 के बार 2014 ही नहीं 2019 में भी रायबरेली लोकसभा सीट जीतीं।