बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के पद छोड़ने और अपना देश छोड़ने के बाद से सीमा पर भी शांति छा गई है। भारत और बांग्लादेश के बीच पेट्रापोल-बेनापोल सीमा का भारतीय हिस्सा है। यह दक्षिण एशिया का एकमात्र भूमि बंदरगाह ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा कस्टम स्टेशन भी है।
- शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ते ही बदल गये हालात
- पेट्रापोल-बेनापोल सीमा का भारतीय हिस्सा
- दक्षिण एशिया का एकमात्र भूमि बंदरगाह
- एशिया का सबसे बड़ा कस्टम स्टेशन भी है
बता दें उत्तर 24 परगना स्थित सीमावर्ती शहर बोंगोन से सटा पेट्रापोल, पश्चिम बंगाल के कोलकाता से करीब 80 किलो मीटर दूर स्थित है। बांग्लादेश में सियासी संकट के शुरू होने के बाद से ही पड़ोसी देश से लगी सभी सीमाओं पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिसमें पेट्रापोल भी शामिल है। जो सबसे लोकप्रिय सीमा मार्गों में से एक है। यह लंबे समय से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार के साथ दैनिक आवाजाही से जुड़ा हुआ है।
आम दिनों में वैसे तो माल से लदे सैकड़ों ट्रक इस सीमा से आते और जाते हैं। बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा के बाद बीएसएफ डीजी दलजीत चौधरी सीमा पर पहुंचे। उन्होंने सीमा पर तैनात विभिन्न अधिकारियों और स्थानीय लोगों से चर्चा की थी। हालांकि स्थिति शांत नजर आ रही थी लेकिन इसके बाद भी माहौल में काफी बेचैनी थी।
तलवारों के साथ हाइवे पर घूमते लोग
आम दिनों में पेट्रापोल सीमा से एक हजार ट्रक भारत की सीमा में प्रवेश करते थे। वहीं 6 अगस्त को यहां से महज 10 से 15 ट्रक ही गुजरे। वैध परमिट वाले लोगों को ही संघन जांच के बाद सीमा के अंदर जाने दिया जा रहा है। सीमा पर पहुंचने वाले ट्रक चालकों का कहना है कि उन्होंने हाइवे पर तलवारों और लाठी डंडों के साथ लोगों को सीमा के पास हाइवे पर बेरोकटोक घूमते देखा है। हालांकि यह उनकी किस्मत अच्छी थी जो हथियार बंद लोगों ने उन पर हमला नहीं किया।