मोदी 3.O सरकार में एमपी को मिलेगी कितनी जगह….क्या शिवराज -वीडी बनेंगे मंत्री …या रहेगा NDA के सहयोगी दलों का दबदबा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार की हैट्रिक बनाने जा रही है। इसमें मध्यप्रदेश का भी अहम रोल है। एमपी की सभी 29 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। माना जा रहा था कि मध्य प्रदेश के नेताओं को भी दिल्ली में अहम जिम्मेदारी मिलेगी। लेकिन मौजूदा हालात ऐसे नजर नहीं आ रहे हैं। क्योंकि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है। पिछली बार 303 सीट पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी को इस बार 240 सीट ही मिली है। जबकि बहुमत के लिए 272 का आंकड़ा जरुरी होता है। यानी बीजेपी के पास नहीं बहुमत एनडीए के पास है। ऐसे में एनडीए के अपने सहयो​गी दलों की सत्ता में भागीदारी भी बढ़ेगी।

एमपी से केन्द्रीय मंत्री के दावेदारों के सामने यही एक बड़ी अड़चन है। एनडीए को बहुमत होने के चलते सरकार में उसके सहयोगी दलों की भागीदारी भी बढ़ेगी। इसकी वजह से एमपी के दावेदारे को मायूस होना पड़ सकता है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह संभावना भी जताई जा रही है कि इस बार 2019 की तुलना में मोदी की 3.ओ सरकार में एमपी से कम सांसदों को मौका मिले।

बीजेपी ने जब 400 पार का नारा दिया था तब यह उम्मीद भी बढ़ गई थी​ कि केन्द्रीय कैबिनेट में भी बीजेपी सांसदों को पिछली बार की ही तरह अधिक मौका मिलेगा। लेकिन अब सहयोगी दलों की भागीदारी बढ़ना तय मान जा रहा है। यही वजह है कि इस बार मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष खजुराहो से दूसरी बार सांसद बने वीडी शर्मा को केंद्र सरकार में अहम जिम्मेदारी मिलने पर संशय के बादल छा गये हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को छोड़कर फग्गन सिंह कुलस्ते और वीरेन्द्र खटीक के नाम पर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि एमपी में लोकसभा चुनाव की सभी 29 सीटों पर जीतने हासिल के बाद बीजेपी में अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि एमपी को मोदी सरकार 3.O की कैबिनेट में कितनी जगह मिलेगी। एमपी से दावेदार कौन-कौन होंगे।

2019 में एमपी से पांच सांसद हुए थे मोदी कैबिनेट में शामिल

बता दें 2019 के चुनाव में बीजेपी ने एमपी की 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद एमपी से पांच सांसद मोदी कैबिनेट में मंत्री बने थे। जिनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया,नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद सिंह पटेल और वीरेंद्र कुमार खटीक थे। नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद सिंह पटेल इस बार चुनाव नहीं लड़े।

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