शिवराज की संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात गर्म हो गया सियासी अटकलों का बाजार

MP Politics

मध्यप्रदेश में इस साल अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इस दौरान सत्ता और संगठन के चेहरों को लेकर लगातार अटकलों का दौर जारी है। इन अटकलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं ।

मुलाकात क्यों है खास

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागपुर जाकर संघ प्रमुख से मुलाकात की । इस मुलाकात को बड़ा खास माना जा रहा है। मध्यप्रदेश मे साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन माहौल अभी से चुनावी बन चुका है। शिवराज के मंत्री और विधायक अपने अपने इलाके में विकास यात्रा निकाल रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर दिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को घेर रहे हैं। शिवराज रोज कमलनाथ से एक सवाल कर रहे हैं और बदले में कमलनाथ भी सवाल ही कर रहे हैं.। इस माहौल के बीच अचानक मुख्यमंत्री का नागपुर जाना और संघ प्रमुख से मिलना कई तरह की सियासी अटकलों को जोर दे रहा है।

फेल हो रही ही विकास यात्रा

बीजेपी सरकार के मंत्री पांच फरवरी से विकास यात्रा निकाल रहे हैं। खबरें है कि विकास यात्रा का दांव सरकार पर उल्टा पड़ गया। यात्रा के दौरान कई जगहों पर सरकार के मंत्रियों को जनता के आगे जवाब देना कठिन साबित हो रहा है। कहीं जनता सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है तो कहीं विकास बताने निकले मंत्रियों की गाड़ी खराब सड़कों पर फंस रही है।

ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार पर ये यात्रा उल्टा दांव साबित हो रही है।

रविवार को बुलाया सभी मंत्रियों को भोपाल

इस बीच बड़ी खबर ये है कि शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट के सभी मंत्रियों को भोपाल बुलाया है। 19 तारीख को सभी मंत्रियों को भोपाल में पूरे दिन रहना है। मंत्रियों को इसके लिए विकास यात्रा छोड़कर आने को कहा गया है। सवाल है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है कि शिवराज ने सरकार की महत्तावकांक्षी बैठक छोड़कर भोपाल बुलाया है। वो भी मोहन भागवत के साथ मुलाकात के बाद ।

क्या प्रदेश में होने वाला है बड़ा फेरबदल

ताजा घटनाक्रम से फिर से सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अब मध्यप्रदेश की बारी है। अभी तक जितने राज्यों में चुनाव थे बीजेपी आलाकमान में ज्यादातर जगहों पर बड़े फेरबदल किए। ये फेरबदल सत्ता और संगठन दोनों में किए गए । ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या मध्यप्रदेश में भी कोई बड़ा बदलाव होने वाला है। गुजरात चुनाव के बाद से लगातार अटकलें हैं कि मध्यप्रदेश में गुजरात फार्मूला लागू किया जा सकता है।

Exit mobile version