मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण के 170 जनपद अध्यक्षों पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के अपने अपने दावे हैं।जिसने सीटों का कैलकुलेशन बिगाड़ दिया है। दरअसल बुधवार कोपंचायत चुनाव में पहले चरण के 170 जनपद अध्यक्ष चुने गये।जब 25 जून को इन क्षेत्रों में मतदान हुआ था, तब यहां चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों पर किसी भी राजनीतिक दल की छाप नहीं लगी थी। लेकिन जब इन जनपदों में अध्यक्षों का चुनाव हुआ तो बीजेपी कांग्रेस दोनों दल के नेता जीते हुए जनपद अध्यक्षों पर अपनी पार्टी का होने का दावा करते रहे। बीजेपी जहां 121 जनपद अध्यक्षों को अपना बता रही है तो वहीं कांग्रेस करीब 89 जनपद अध्यक्षोंपर अपना दावा कर रही है। यदि यह संख्या जोड़ी जाए तो आंकड़ा 210 पर पहुंच जाता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि पहले चरण में 170 जनपद अध्यक्ष चुने गए हैं तो 210 कैसे हो सकते हैं। दावा करते समय दोनों ही दल के नेता भूल गए कि पहले चरण में जनपद अध्यक्षों की टोटल संख्या 170 है। जबकि उनके दावे का आंकड़ा 25 प्रतिशत अधिक हो रहा है। सीएम शिवराज और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तो नतीजे आते ही एलान कर दिया था कि 170 जनपद अध्यक्षा में 121 बीजेपी के समर्थक हैं।
इधर पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी बिना देर किये 89 जनपद अध्यक्ष उपध्यक्षों पर अपना दावा ठोंक दिया।दोनों के दावों को सच मान लिया जाए तो यह आंकड़ा 210 पर पहुंच जाता है। लेकिन ये 40 जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष कहां चले गये। से में सवाल उठता है कि सीएम शिवराज और कमलनाथ में से कौन सच और कौन झूठ बोल रहा है। बता दें बीजेपी ने जिन 121 विजयी जनपद अध्यक्ष की सूची जारी की है उसमें शिवपुरी के खनियांधाना से अनिता लोधी। जबलपुर मझौली की विद्या चौरसिया। मऊगंज रीवा की नीलम सिंह। नई गढ़ी की ममता तिवारी। सिंगरौली देवसर के प्रणव पाठक का नाम शामिल है। लेकिन कांग्रेस ने इनके फोटो जारी कर दिये और कहा ये सभी कांग्रेस समर्थक नेता हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में 3 चरणों में पंचायत चुनाव हुए थे। इनमें 6771 जनपद सदस्यों के साथ 313 जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना है। पहले चरण में 170 सीट भरी जा चुकी हैं। अब बची 143 पर चयन की प्रकिया जारी है। इसके बाद 874 जिला पंचायत सदस्य 29 जुलाई को 52 जिला पंचायतों का अध्यक्षों का चुनाव करेंगे।