वायू के वेग में ध्वस्त हुआ ‘शिव का महाकाल लोक’, आंधी ने खोली महाकाल लोक निर्माण भ्रष्टाचार की पोल

Shri Mahakal Lok

उज्जैन में करीब 300 करोड़ से अधिक की लागत से महाकाल लोक बनाकर मंदिर परिसर की विशेष साज सज्जा की गई थी। जिसका उद्घाटन पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था लेकिन 28 मई को आई आंधी ने यहां लगी मूतियों को ध्वस्त कर दिया। तेज हवा और बारिश के साथ आई आंधी के आगे सप्त ऋषियों की 6 मूर्तियां गिरकर खंडित हो गईं। किसी मूर्ति का एक हाथ का हिस्सा अलग हो गया तो किसी मूर्ति के शरीर का अन्य भाग टूटकर जमीन पर गिर गया। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार एजेंसियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अलग-अलग आरोप लगाए हैं।

कलेक्टर ने की 6 मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि

उज्जैन के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने 6 मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक निर्माण कंपनी को 5 साल के लिए मरम्मत की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में सरकार और मंदिर समिति पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा. शुरुआती एपिसोड में फाइबर की मूर्तियां बनाई गईं, जो भविष्य में पत्थर पर तराश कर बनाई जाएंगी।

कांग्रेस ने किया शिवराज सरकार पर हमला

इधर कांग्रेस महाकाल लोक में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सरकार पर हमलावर हो गई है। कमलनाथ, अरुण यादव समेत कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से इसे लेकर ट्वीट किए गए। कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई गई है जो महाकाल लोक पहुंचकर मामले में रिपोर्ट तैयार करेगी। कांग्रेस इसे लेकर शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। कांग्रेसी तंज कस रहे हैं कि शिवराज सरकार और मोदी सरकार का अमृत काल का विकास है जो हवा के झोंके में उड़ गया। विपक्ष का कहना है महाकाल लोके के निमर्उण की जांच कराई जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल लोक की मूर्तियां क्षतिग्रस्त होने पर तंज कसा है और ट्वीट कर कहा मध्यप्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था। तब इस बात की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि महाकाल लोक के निर्माण में बाद में बीजेपी की सरकार के समय गंभीर अनियमितता बरती जाएंगी।

गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म ने किया था निर्माण

रविवार के दिन आंधी चलने से जिस तरह से उज्जैन महाकाल लोक परिसर में स्थापित देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं। वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। वे मुख्यमंत्री शिवराज से मांग करते हैं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं। वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और जांच कर घटिया निर्माण करने वालों को दंडित किया जाए। बता दें 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक एफआरपी से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था।

उज्जैन विधायक ने पहले ही लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि महाकाल लोक का पैसा भ्रष्टाचार में डूब गया। उन्होंने यह भी कहा है कि करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। पूरे मामले की जांच महाकाल लोक बनाने वाली कंपनी और गुजरात के अधिकारियों से होनी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा है कि उज्जैन जिले के कांग्रेस विधायक महेश परमार पहले से ही महाकाल लोक में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे। उनके आरोप सच साबित हुए हैं।

महाकाल लोक का कसूरवार कौन ?

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