शिवराज के मंत्रियों में मनमुटाव

मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का पत्र  

शिवराज के मंत्रियों में मनमुटाव

मध्यप्रदेश में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होना हैं। इससे पहले ही सत्तारुढ़ भाजपा में उसके मंत्रियों के बीच आपसी मनमुटाव और तालमेल की कमी नजर आने लगी है। हम बात कर रहे हैं खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की। मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने मध्यान्ह भोजन को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को एक शिकायती पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अपनी ही सरकार की योजना की पोल खोल दी।

सीएम ने बुलाई बैठक
विवाद बढ़ता देख स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान मौदान में आ गए हैं। उन्होंने पन्ना जिले के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। जिसमें वे बढे़ फैसले ले सकते हैं। माना जा रहा है कि जिल के अधिकारियों पर गाज भी गिर सकती है।

मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का पत्र  
दरअसल खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का कहना हैकि उनके क्षेत्र पन्ना जिले के अजयगढ़ ब्लॉक में करीब 100 स्कूल ऐसे हैं जहां पिदले 6 महीनों से मध्यान्ह भोजन नहीं बांटा गया। इसके कारण स्थानीय लोगों में असंतोष है। ऐसी स्थिति चिंता का विषय है। मध्यान्ह भोजन वितरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मध्याह्न भोजन का वितरण सुचारू रूप से संचालित कराने के संबंध में आदेश दें। साथ ही मंत्री ने क्षेत्र में योजना में हो रही गड़बड़ी पर रोक लगाने की मांग की है। ये पत्र 14 सितंबर को लिखा गया था। हालांकि इसे सामने आने में समय लग गया। लेकिन पत्र जब सामने आया तो हंगामा मच गया। कांग्रेस ने भी मौके ताड़ते हुए सरकार पर सवाल उठाए है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बता दें कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार सप्लाई में गड़बड़ी को लेकर पिछले दिनों कैग की रिपोर्ट के बाद प्रदेश की राजनीति में पहले से ही बवाल मचा हुआ है। ऐसे में खनिज मंत्री के पत्र ने हड़कंप मचा दिया है।

कमलनाथ ने साधा निशाना
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कांग्रेस ने पहले ही योजना में गड़बड़ी की बात कही थी। इसके प्रमाण भी समय पर सामने आए हैं। पोषण आहार के नाम पर प्रदेश में फर्जीवाड़ा किया गया था। अब सरकार में बैठे मंत्री खुद सच्चाई सामने ला रहे हैं। पता नहीं सरकार कब इसकी सच्चाई को स्वीकार करेगी। कमलनाथ ने कहा वे सरकार से मांग करते हैं कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए। योजना में भी फर्जीवाड़ा बंद कर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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