शिंदे सरकार ने चला चुनाव से पहले ट्रम्प कार्ड..महाराष्ट्र में ब्राह्मण-क्षत्रिय कल्याण बोर्ड की घोषणा…जानें कितने करोड़ का बजट किया आवंटित

शिंदे सरकार ने चला चुनाव से पहले ट्रम्प कार्ड..महाराष्ट्र में ब्राह्मण-क्षत्रिय कल्याण बोर्ड की घोषणा…जानें कितने करोड़ का बजट किया आवंटित

महाराष्ट्र में इसी साल के अक्टूबर में विधान सभा के चुनाव होना है। चुनाव से पहले राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने विरोधियों को पछाड़ने के लिए बड़ा दांव चल दिया है। शिंदे कैबिनेट ने महाराष्ट्र में दो अलग-अलग निगमों के गठन का निणर्य लिया है।

महाराष्ट्र में ब्राह्मण और क्षत्रियों पर डाले​ शिंदे सरकार ने डोरे
विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे सरकार का ट्रम्प कार्ड
राज्य में ब्राह्मण-क्षत्रिय कल्याण बोर्ड का ऐलान किया
सीएम ने किया बजट आवंटित
ब्राह्मण के लिए ‘परशुराम आर्थिक विकास निगम
राजपूत समुदाय को भी किया सरकार ने खुश
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप आर्थिक विकास निगम’
दोनों के लिए किया 50-50 करोड़ रुपये का बजट आवंटन
क्या है ब्राह्मण-क्षत्रिय कल्याण बोर्ड के ऐलान की वजह

ब्राह्मण और राजपूत जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए यह बोर्ड बनाए जाएंगे। इसके लिए बजट भी आवंटित किया है। बता दें महाराष्ट्र की ब्राह्मण जातियों के लिए शिंदे सरकार ने ‘परशुराम आर्थिक विकास निगम का गठन किया है वहीं प्रदेश के राजपूत समुदाय के लिए सरकार ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप आर्थिक विकास निगम के गठन का फैसला लिया है।

शिंदे मंत्रिमंडल ने दोनों कल्याण बोर्डों के लिए सरकार के खजाने से 50-50 करोड़ रुपए का बजट आवंटन भी कर दिया है। बता दें महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय इसी कल्याण बोर्ड की स्थापना के लिए कई बार विरोध-प्रदर्शन कर चुका है। अब विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर कई समुदाय आक्रामक नजर आ रहे हैं। इसके मद्देनजर शिंदे सरकार ने अब यह निर्णय लिया है।

वैसे तो सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में 24 अहम फैसले लिए गए हैं। लेकिन सबसे प्रमुख फैसला ब्राह्मण और राजपूत जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण बोर्ड है। वहीं तीन कुनबी उपजातियों को OBC में शामिल करने का भी फैसला लिया गया। ऐसे में अब माना जा रहा है कि राज्य की महायुति सरकार के इन फैसलों से उन समुदायों को खुश करने का प्रयास किया है। जिससे चुनावी लाभ मिल सके।

Exit mobile version