शरद पवार का इमोशनल दांव NCP के लिए कितना कारगर?
महाराष्ट्र के चुनावी समर में सभी दल अपनी अपनी नैया पार लगाने की कोशिश में है। ऐसे में महाराष्ट्र के सबसे उमर दराज और सबसे कद्दावर नेता शरद पंवार भी एनसीपी शरद गुट को ज्यादा से ज्यादा सीटें जिताने के मूड में है। इस बीच शरद पंवार ने एक बड़ा बयान दिया है। शरद पंवार ने कहा है कि वो अब राजनीति से सन्यास ले लेंगे। शरद पंवार ने कहा कि अब चुनाव नहीं लड़ेंगे और राज्यसभा जाना चाहिए कि नही इस पर भी विचार करेंगे। पंवार का कहना था कि- अब नई पीढी को आगे आना चाहिए । खास बात ये है कि-शरद पंवार ने ये बात बारामती में कही। बारामती वो जगह है जो राजनैतिक तौर पर पंवार का परिवार ही मानी जाती है। बारामती से शरद पंवार कई बार सांसद रह चुके हैं और अब उनकी बेटी इस सीट पर उनकी विरासत को सम्हाल रही है। ऐसे में बारामती में कही राजनीति से सन्यास की बात को राजनैतिक पंडित तरह तरह के कयास लगा रहे हैं। मान जा रहा है कि बारामती से शरद यादव का इमोशन अटैचमेंट में इसलिए यही पर उन्होंने इमोशनल कार्ड खेला। बारामती में शरद पंवार की पार्टी का प्रदर्शन बहुत बेहतर रहा । यहां सुप्रिया सुले ने अपनी चचेरी भाभी अजीत पंवार की पत्नी को हराया। अब शरद पंवार विघानसभा चुनावों में लोकसभा की ही तरह नतीजे चाहते है इसलिए उन्होने बारामती में सन्यास का इमोशनल कार्ड खेला। राजनैतिक जानकारों की माने तो पंवार का ये कार्ड अगर चल गया तो ये साबित हो जाएगा कि अजीत पंवार अब तक राजनीति में जो भी है शरद पंवार के दम पर ही है उनका अपना राजनीति में कोई वजूद नहीं। वहीं इस कार्ड ने असर दिखाया तो एक बार फिर साबित हो जाएगा कि एनसीपी शरद पंवार गुट का आज भी महाराष्ट्र में दबदबा है और महाराष्ट्र में मराठाओं का साथ किसी को है तो वो शरद पंवार ही हैं। अगर ऐसा होता है तो सुप्रिया के लिए भी राजनीति की राह आसान हो जाएगी।