19 मई को अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाएगी। सूर्य के पुत्र शनिदेव देव की जयंती पर इस बार एक महासंयोग बन रहा है।हिंदू धर्म में शनि जयंती एक महत्वपूर्ण दिन है। यह भगवान शनि की जयंती का प्रतीक है जो देवी छाया के पुत्र हैं। यह ज्येष्ठ के हिंदू महीने में अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए आशीर्वाद लेने के लिए कई उपाय करते हैं। शनि जयंती पर शश गजकेसरी और शोभन महायोग बन रहा है, इस दिन के महत्व को और बढ़ा देता है। शनि जयंती के दिन किए गए कुछ उपाय शनि की ढैय्या, महादशा और साढ़े साती के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सकते हैं। जिससे व्यवसाय, रोजगार, अर्थ और परिवार से जुड़ी परेशानियों का समाधान हो सकता है।
- शनि जयंती एक महत्वपूर्ण दिन है
- शनि जयंती पर गजकेसरी, शश और शोभन महायोग
- कर्म के दाता, सूर्यपुत्र और न्याय के देवता हैं भगवान शनि
- शनि की होती है सबसे धीमी गति
- शनि देव प्रसन्न हो जाएं तो रंक को बना देते हैं राजा
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को कर्म के दाता, सूर्यपुत्र और न्याय के कारक भगवान शनि की जयंती मनाई जाती है। इस साल शनि जयंती शुक्रवार 19 मई को है। ज्योतिष शास्त्र में शनि का विशेष महत्व है। सभी नौ ग्रहों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है और क्रूर ग्रह माना जाता है। शनिदेव लोगों को उनके कर्म के अनुसार शुभ या अशुभ फल देते हैं। वैदिक ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में शनि की अशुभ छाया होती है या जिनकी कुंडली में तिरछी दृष्टि होती है उन्हें कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। शनि किसी एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहता है, उसके बाद वह दूसरी राशि पर अपनी यात्रा शुरू करता है। शास्त्रों में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय बताए गए हैं। शनि जयंती का पर्व शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास होता है। इस साल शनि जयंती बेहद खास है। ग्रहों की चाल के लिहाज से इस बार शनि जयंती पर कई दुर्लभ और शुभ योग बन रहे हैं। इतना ही नहीं शनि जयंती पर शनिदेव कुछ राशियों पर विशेष कृपा भी करने वाले हैं।
शोभन योग को माना जाता है बहुत ही शुभ
ज्योतिषों की माने तो इस बार शनि जयंती पर शोभन योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में शोभन योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। पंचाग गणना के अनुसार शोभन योग शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शनि जयंती पर शनि देव अपनी राशि कुंभ में रहने से शश राजयोग बनेगा। वहीं, मेष राशि में बृहस्पति और चंद्रमा की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा। इन योगों के बनने से इस बार शनि जयंती का काफी महत्व रहने वाला है।
मेष राशि
शनि आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव यानी कुंडली के पहले भाव में विराजमान है। इस राशि के लोगों के लिए यह अच्छा लाभ दिलाने का काम करेगा। शनि की कृपा से इस समय व्यापार में अनुकूल स्थिति बनी हुई है, वहीं मित्रों से सहयोग मिलने के आसार हैं। शोध कार्य में लगे लोग इस समय अच्छे परिणाम दे सकते हैं। बैंकिंग और मशीन के काम से जुड़े लोगों को कुछ नया करने को मिल सकता है। इस समय आपके वरिष्ठ आप पर मेहरबान रहेंगे।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शनि जयंती बेहद फायदेमंद रहेगी। शनि इस समय नवम भाव में है और बृहस्पति आपकी राशि में ग्यारहवें भाव में भ्रमण कर रहा है। ऐसे में आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। नौकरी में पदोन्नति और उन्नति के अच्छे संकेत हैं। आप पर शनिदेव की विशेष कृपा रहेगी। भाग्य के अच्छे सहयोग से आपको हर काम में सफलता मिलेगी।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए इस दिन किया गया शनि जयंती और योग बेहद लाभकारी रहेगा। गजकेसरी योग में धन लाभ की अच्छी संभावनाएं हैं। आपके पारिवारिक सुख में लगातार वृद्धि होने की संभावना है। भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में इस बार शश राज योग बन रहा है। इसके साथ ही मेष राशि में गजकेसरी योग होने से शनि जयंती आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इस राशि्आ के जातकों को अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। सभी तरह के रुके हुए काम आत्मविश्वास के साथ पूरे होंगे।