कौन हैं सबसे कम उम्र की दलित कैंडिडेट शांभवी चौधरी, जो समस्तीपुर से चुनावी जंग में उतरी हैं चुनावी …?

Shambhavi Chaudhary Samastipur Bihar Lok Sabha seat candidate NDA JDU

लोकसभा चुनाव में बिहार 40 सीटों के लिए एनडीए, लोक जनशक्ति पार्टी और जेडीयू मिलकर चुनावी जंग लड़ रहे हैं। एनडीए में बिहार की इन सीटों पर चुनावों को लेकर सीट शेयरिंग फॉर्मूला भी फाइनल हो गया है। रामविलास पासवान के बेटे और जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरगे। लेकिन सीट शेयरिंग के बाद तय हुए लोक जनशक्ति पार्टी उम्मीदवारों की इस सूची में सबसे मुख्य और आकर्षक नाम जेडीयू मंत्री अशोक कुमार चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी हैं। शांभवी को बिहार में समस्तीपुर की दलित आरक्षित सीट से चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया गया है।

दरअसल लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास की ओर से शनिवार 30 मार्च को एनडीए सीट-बंटवारे समझौते के बाद मिलीं लोकसभा की सभी पांच सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे तो उनके बहनोई अरुण भारती को जमुई सीट से मैदान में उतारा गया है। जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशियों की इस लिस्ट का मुख्य आकर्षण का केन्द्र शांभवी चौधरी हैं। जेडीयू मंत्री अशोक कुमार चौधरी की बेटी शांभवी को दलित वर्ग के लिए आरक्षित समस्तीपुर सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया गया है। इससे पहले समस्तीपुर सीट से चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज प्रतिनिधित्व किया करते थे, लेकिन प्रिंस अब अपने पिता पशुपति कुमार पारस के साथ अलग हो गए हैं। वे विपक्ष के पाले में जा चुके हैं।

लोकसभा का चुनाव लड़ना शांभवी का सपना था

जनशक्ति पार्टी की सीटों पर आधिकारिक ऐलान होते ही शांभवी चौधरी दौड़ते हुए अपने पिता जेडीयू सरकार में मंत्री अशोक चौधरी से मिलने पहुंचीं और उन्होंने दौड़कर अपने पिता को गले लगा लिया। इस दौरान वे इमोशनल भी हो गईं। वहीं पिता ​पुत्री की इस भावुक मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर अब तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल मुलाकात के दौरान बेटी शांभवी से पिता अशोक चौधरी यह कहते हुए सुने जा रहे हैं यह तो तुम्हारा सपना था, जो अब सच साबित होने जा रहा है। बता दें मंत्री अशोक चौधरी और उनकी बेटी शांभवी चौधरी दोनों ही लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट पाने के लिए कोशिशों में जुटे थे। वैसे अशोक चौधरी चाहते थे कि बेटी शांभवी जमुई लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन जमुई सीट से टिकट न मिलने पर लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने शांभवी को समस्तीपुर सीट से पार्टी का टिकट देकर मैदान में उतार दिया है। बता दें कि शांभवी चौधरी के पति शायन कुणाल की नानी का घर भी समस्तीपुर जिले के विभितूपुर में ही है। हालांकि यह क्षेत्र उजियारपुर लोकसभा में शामिल है। ऐसे में अब देखना होगा कि सबसे कम उम्र की दलित प्रत्याशी शांभवी चौधरी को समस्तीपुर के मतदाना कितना आशीर्वाद देते हैं या नहीं।

सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती हैं 25 साल की शांभवी चौधरी

शांभवी चौधरी की शादी पूर्व IPS किशोर कुणाल के बेट शायन कुणाल से हुई है। 25 साल की शांभवी चौधरी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज के साथ ही दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से भी अपनी पढ़ाई पूरी की है। इसके अलावा शांभवी ने एमिटी यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में पीएचडी की है। इस समय वे पटना स्थित ज्ञान निकेतन स्कूल में बतौर डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। शांभवी चौधरी के कंधों पर स्कूल की सारी जिम्मेदारी है इसके बाद भी शांभवी सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। वे लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरने वाली वाली सबसे कम उम्र की दलित महिला प्रत्याशी होंगी। बता दें शांभवी के दादा महावीर चौधरी कभी कांग्रेस से बिहार के पूर्व मंत्री हुआ करते थे।

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