जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव : जानें वादी में कितने अलगाववादी! ….जो लड़ रहे चुनाव…कितने जेल में और कितने हैं बाहर!

Separatist leader candidate will seek votes in Jammu and Kashmir assembly elections

जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारी के साथ चुनाव का शोरगुल सुनाई देने लगा है। कुछ साल पहले तक विधानसभा चुनावों का कश्मीर के अलगाववादी नेता बहिष्कार करते रहे हैं। लेकिन इस बार वे भी चुनावी तैयारी में जुटे हैं, जो घाटी की राजनीति में एक बड़े बदलाव को संकेत देता है। इसे दक्षिण कश्मीर की राजनीति में एक बड़े और अहम बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में अब फिज़ा अब बदलती नजर आ रही है। आतंकी और अलगाववादियों ने बुलेट छोड़, वोट की राह पर चलने का फैसला किया है। गन तंत्र से लोकतंत्र की ओर लौटते नजर आ रहे हैं। वैसे अलगाववादी नेता विधानसभा चुनाव में अब तक बहिष्कार में नारे लगाते और धमकाते नजर आते रहे हैं। खुलकर चुनाव न होने देने की कई बार धमकी अलगाववादी देते रहे हैं। लेकिन इस बार की तस्वीर कुछ ओर है। अलगाववादियों की
भी चुनावी तैयारी घाटी में नजर आ रही है जो राजनीति में एक बड़े बदलाव को संकेत दे रही है। यह लोकतंत्र के लिये अच्‍छा संकेत है। प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के तीन सदस्यों ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है।। जिनमें डॉक्टर तलत मजीद के साथ नजीर अहमद और सैय्यर अहमद के नाम शामिल हैं। बता दें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है।

कभी अलगाववादी नेता करते थे चुनाव का बहिष्कार

पुलवामा से मैदान में डॉक्टर तलत मजीद

प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी जेएंडके के पूर्व सदस्य डॉक्टर तलत मजीद ने भी अब लोकतंत्र का मंत्र समझ लिया है और वे चुनावी राह पर चलने को तैयार नजर आ रहे हैं। डॉ.तलत मजीद ने जम्मू-कश्मीर की पुलवामा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। बता दें मजीद पहले जमात के पूर्व सदस्य थे। पिछले साल 2023 में सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी में वे शामिल हुए थे। उनका कहना है मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होकर ही किसी भी मुद्दें का समाधान निकाला जा सकता है।

तलत मजीद का किसी बैं​क में नहीं है खाता

20 हजार रुपये कैश अपने पास रखने वाले तलत मजीद नाम के बारे में यह जानकर आपको हैरानी होगी कि उनका अपना कोई बैंक अकाउंट नहीं है। इसके अलावा उनके पास कोई ज्‍वेलरी भी नहीं है। डॉ.तलत मजीद के पास एक अदद कार है। जिसे उन्‍होंने साल 2022 में करीब 6 लाख 70 हजार रुपये में खरीदा था। तलत मजीद की कुल संपत्ति की बात करें तो उन्‍होंने चुनावी हलफनामे में 6 लाख 90 हजार रुपये की संपत्ति घोषित की है। जबकि तलत पर करीब 2 लाख 34 हजार 714 रुपये का कर्ज है। जिसमें 5 लाख 14 हजार 720 रुपये का कार लोन भी उन पर है। डॉ.तलत मजीद के खिलाफ कोई कानूनी केस दर्ज नहीं है।

कुलगाम से सयार अहमद रेशी ने भरा पर्चा

सयार अहमद रेशी भी कभी प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के सदस्‍य रह चुके हैं। एक समय अलगाववाद की राह पर चलने वाले सयार अहमद रेशी अब लोकतंत्र पर विश्वास जताते हुए उसे मजबूत करने के लिए घर-घर लोगों से वोट मांगने निकले हैं। रेशी लोगों से अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनकर वोट डालने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि युवाओं को खेल से परिचित कराकर उन्हें हिंसात्मक गतिविधियों से दूर किया जा सकता है। साथ ही सयार रेशी कहते हैं युवाओं के लिए नौकरी की बहुत जरूरत है।
घाटी में बुजुर्गों को अब भी एक हजार रुपये से 2 हजार रुपये की अल्प वृद्धावस्था पेंशन के लिए दर-दर भटकते देखा जा सकता है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। सयार अहमद रेशी इस बार कुलगाम विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुनाव मैदान में उतरे हैं।

रेशी के पास है दस हजार रुपये नकदी

सयार अहमद रेशी के पास इस समय महज 10 हजार रुपये नकदी है। जम्‍मू-कश्‍मीर बैंक कुलगाम की शाखा में उनका अकाउंट है। इस बैं​क खाते में भी सिर्फ 712 रुपये जमा हैं। हालांकि बैंक की इसी ब्रांच में उनकी पत्‍नी का भी खाता है। जिसमें 76 हजार 997 रुपये जमा हैं। उनके नाम कोई लोन नहीं चल रहा है। वाहन के रुप में रेशी के पास 2022 माडल की एक मारुति कार । जिसे 6 लाख रुपये में उन्‍होंने खरीदा था। इसके अलावा उनके पास एक दुपहिया वाहन भी है। जिसे 2016 में उन्होंने 60 हजार रुपये में खरीदा था। रेशी या उनकी पत्‍नी के पास कोई आभुषण नहीं है। चुनावी हलफनामे में सयार अहमद रेशी ने अपनी कुल संपत्ति करीब 6 लाख 70 हजार 712 रुपये की घोषित की है।

देवसार सीट से मैदान में नजीर अहमद

कभी अलगाववादी नेता रहे नजीर अहमद ने भी इस बार जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा चुनाव लड़ने  का मन बनाया है। उन्‍होंने देवसार विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के पर्चा भरा है। 49 साल के नजीर मूलरुप से देवसार के ही निवासी हैं। नजीर अहमद की ओर से दिये गये शपथ पत्र में बताया गया है कि उनके खिलाफ फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं है। साथ ही उन्‍होंने कुल कमाई 4 लाख 53 हजार 990 रुपये बताई है। नजीर के पास 51 हजार 650 रुपये नकदी है। इसके अ​तिरिक्त जम्मू एंड कश्मीर बैंक में उनका खाता है, जिसमें 24 हजार 436 रुपये जमा है। इसके साथ ही आईसीआईसीआई बैंक में भी 2 लाख 13 हजार 571 और एसबीआई बैंक में 87 हजार 172 रुपये जमा हैं।
नजीर अहमद ने किसी बैंक से कोई कर्ज नहीं लिया है। वाहन के नाम पर उनके पास 2018 मॉडल की एक मारुति वैगनआर है। जिसकी बाजार वैल्‍यू 5 लाख 75 हजार रुपये है। नजीर अहमद के पास कोई ज्‍वेलरी नहीं है। हालांकि उनकी पत्‍नी के नाम 45 ग्राम ज्‍वेलरी है। जिसकी कीमत करीब 2 लाख 84 हजार 850 रुपये बताई जा रही है। नजीर अहमद ने शपथ पत्र में अपने पास कुल अचल संपत्ति 9 लाख 51 हजार 829 होना दर्शाया है।

जेल में बंद बरकाती हैं आजादी चाचा के नाम से मशहूर

जम्‍मू-कश्‍मीर में चुनाव लड़ने वालों में जेल में बंद सर्जन बरकती का भी नाम शामिल है। उन्हें कश्‍मीर घाटी में आजादी चाचा’ के नाम से जाना जाता है। सर्जन बरकती फिलहाल श्रीनगर की जेल में बंद हैं। उन्‍होंने जेल से ही जेनपोरा विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया है। सर्जन बरकती पर कई गंभीर किस्म के आरोप लगे हैं। जिनमें वे साल 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहानवानी की हत्या के बाद घाटी में पत्थरबाजी विरोध-प्रदर्शन का आयोजित कराने जैसे काम में शामिल रहे हैं। सर्जन बरकती पिछले साल अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं। इतना ही नहीं आतंकवाद-वित्तपोषण मामले में उनकी पत्नी को भी नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था। जेल में बंद सर्जन अहमद बरकाती जेनपोरा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनके पास कुल 1 करोड़ 30 लाख रुपये की संपत्ति है।

Exit mobile version