राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी जंग और तेज हो गई है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं में लंबे समय से सियासी जंग चल रही है। अब पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ जनसंघर्ष यात्रा पर है। बीते रोज जयपुर में यात्रा के पूरे होने पर होने भांकरोटा में एक जनसभा को संबोधित किया।
– मांगे नहीं मानी तो पायलट करेंगे आंदोलन
– पायलट का दावा,पद नहीं सेवा मेरा लक्ष्य है
– गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम
– सभी जाति और धर्मो पर जताया भरोसा
– मलाई खाने का लगाया आरोप
सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान सरकार को हमारे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई हक नहीं है। कभी पेपर लीक होते हैं तो कभी प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर विवाद सामने आते हैं। युवाओं की दिक्कतें कम हों इसके लिए सरकार को तत्काल प्रभाव से आरपीएससी को भंग करके नई संस्था का गठन करना चाहिए। पायलट ने दूसरी मांग रखते हुए कहा कि पेपर लीक मामले में युवाओं को सरकार मुआवजा दे। जनसभा में एक तीसरी मांग रखते हुए सचिन ने कहा कि राजस्थान की पूर्व वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में कई तरह के भ्रष्टाचार हुए हैं। इसके एक एक मामले की जांच होना चाहिए।
मांगे नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन
कांग्रेस नेता सचिन ने कहा कि यदि महीने में मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में हम आंदोलन करेंगे।अभी तक गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख रहे थे। उन्होेंने कहा कि गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा। न्याय करवाएंगे। कांग्रेस नेता पायलट ने कहा कि मैं जनता की सेवा के लिए निकला हॅूं, मुझे कोई पद मिले या न मिले लेकिन जनता के हक और अधिकारों के लिए लड़ता रहूॅंगा। भले ही कुछ हो मैं डरुंगा नहीं और जनसेवा करता रहूंगा।
बिना पद के भी गाली खाता हॅू
जनसभा में सचिन पायलट ने राज्य की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो। लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं। राजस्थान का बेटा हूं। और केवल पैर में जूता डालकर निकल पड़ा हॅूं।