एससीओ की शिखर बैठक पर विश्व की निकाहें

एससीओ की शिखर बैठक पर विश्व की निकाहें

एससीओ की शिखर बैठक पर विश्व की निकाहें

उज्बेकिस्तान में गुरुवार से शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ शिखर सम्मेलन शुरु हो रहा है। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  समरकंद में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। इसके साथ ही वे उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोजेव के साथ उनकी अलग से बैठक करंगे।। इस दौरान द्विपक्षीय रिश्तों पर बातचीत होगी। बता दें रुस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने के बाद दोनों की आमने.सामने की यह पहली बैठक होगी।

एसओजी की बैठक में रणनीतिक स्थायित्वए एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, संयुक्त राष्ट्र और जी 20 देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक से पहले क्रेमलिन की ओर से यह जानकारी दी है। दोनों नेता की मुलाकात समरकंद में 15 – 16 सितंबर तक आयोजित होने वाले एससीओ राष्ट्राध्यक्षों के 22वें सम्मेलन से हटकर होगी। रूसी सरकारी समाचार एजेंसी की माने तो राष्ट्रपति के सहायक अधिकारी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया इस मुलाकात में वैश्विक एजेंडे पर भी मोदी के साथ चर्चा होगी। दोनों पक्ष रणनीतिक स्थायित्व, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और संयुक्त राष्ट्र के साथ जी.20 समेत जैसे बड़े बहुपक्षीय संगठनों में द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह मुलाकात और चर्चा खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष होगा। इसके बाद 2023 में एससीओ का नेतृत्व करने के अलावा जी-20 समूह का भी अध्यक्ष भारत होगा। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलहाल मोदी.पुतिन के बीच बैठक की पुष्टि नहीं की है। रविवार को मंत्रालय ने पीएम के दौरे की घोषणा करते हुए कहा था कि वह एससीओ शिखर सम्मेलन से हटकर कुछ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा ले सकते हैं। बता दें इससे पहले पुतिन और मोदी ने 1 जुलाई को फोन पर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने दिसंबर 2021 दौरे के दौरान लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। यूक्रेन पर हमले के बाद भी 24 फरवरी को मोदी और पुतिन के बीच बात हुई थी।

नजर मध्य एशियाई देशों से आर्थिक रिश्तों पर
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करने वाले हैं।  उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोजेव के साथ उनकी अलग से बैठक होगी। इस दौरान द्विपक्षीय रिश्तों पर खुलकर चर्चा होगी। उज्बेकिस्तान में भारतीय राजदूत मनीष प्रभात कहा एससीओ देशों के बीच आर्थिक सहयोग महत्वपूर्ण है।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं को नजर आ रही नई उम्मीद
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता इस सम्मेलन को भारत.पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने के एक मौके के तौर पर दइेख रहे हैं।  हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने  एक दिन पहले बुधवार को कहा एससीओ की बैठक में भाग लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी आएंगे। दोनों देशों के लिए अपने रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने और आपसी मतभेद दूर करने का यह अच्छा मौका है। वहीं हुर्रियत ने कहा कि भारत पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को समरकंद में एक दूसरे से चर्चा के दौरान मतभेद सुलझाने चाहिए। कश्मीर विवाद समेत सभी लंबित मुद्दों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ना जरुरी हे। संगठन कहता रहा है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और इसे दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख बनाने के बाद हालात बिगड़ने लगे हैं। बता दें यह संगठन राजनीतिक बंदियों की रिहाई के साथ ही जेल भेजे गए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं। युवाओं और पत्रकारों को छोड़ने की मांग उठाता रहा है। दरअसल हुर्रियत कॉन्फ्रेंस चाहती है कि अगस्त 2019 से घर में रोके गए उसके चेयरमैन मीरवाइज उमर फारुक को रिहा किया जाए।

कोविड के बाद पहली बार मिलेंगे मोदी, शी और पुतिन
एससीओ की बैठक में कोविड के बाद दुनिया के आठ राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे। 15 – 16 सितंबर को प्रस्तावित बैठक से हटकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीधे रुबरु होकर चर्चा करेंगे।

चीन ने गुप्त रखा अपना कार्यक्रम
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बैठक शामिल होंगे लेकिन यह घोषणा काफी देर बाद हुई।  चीन ने  शी जिनपिंग के कार्यक्रम को गुप्त रखा है। बैठक से हटकर  उनके मोदी और पुतिन से मिलने के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है। बता दें दो साल से ज्यादा समय बाद यह पहला मौका होगा। जब शी जिनपिंग चीन से बाहर जाएंगे। साथ ही जनवरी 2020 के बाद से वह कजाखिस्तान की वे पहली आधिकारिक यात्रा भी करेंगे। यहां से शी जिनपिंग पड़ोसी देश उज्बेकिस्तान जाएंगे।

 

 

गोगरा और हॉट स्प्रिंग से सेवाएं हटाई
बता दें एसओजी की बैठक से पहले चीन ने भारत के पूर्वी लद्दाख में पेट्रोल प्वाइंट 15 के गोगरा और हॉट स्प्रिंग से सेवाएं हटा ली हैं। इससे माना जा रहा है कि मोदी और शी की बैठक होने की संभावना के तौर पर देखा जा रहा है। समरकंद में ईरान को औपचारिक रूप से संगठन में प्रवेश दिया जाएगा। भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य बने थे।

Exit mobile version