भारतीय संस्कृति और पंरपरा है कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान का पूजन किया जाना चाहिए। मान्यता है कि इससे मिशन की विघ्न बाधाएं दूर होतीं हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। इसी सोच के साथ इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 की लांचिंग से पहले भगवान का स्मरण कर पूजा पाठ किया और मिशन की सफलता की कामना की।
चंद्रयान-3 का मॉडल लेकर पहुंचे थे मंदिर
इसरो के वैज्ञानिकों की टीम चंद्रयान-3 का छोटा सा मॉडल लेकर तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर पहुंचे थे। जहां इस मॉडल को रखकर पूजा अर्चना की गई। आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद इसरो की टीम ने कहा कि चंद्रयान-3 चंद्रमा पर हमारा मिशन है। जिसे 14 जुलाई को लांच करेंगे।
दोपहर 2:35 बजे होगी लांचिंग
चंद्रयान-3 की लांचिंग के लिए इसरो के वैज्ञानिक कई सालों से कठिन परिश्रम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने काफी एतिहात बरता है। चॅूकि पिछली बार 2019 में चंद्रयान 2 तकनीकी कारणों से पूरी तरह सफल नहीं हो पाया था। इसलिए बार वैज्ञानिक फूंक फूंककर कदम रख रहे हैं। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक चार साल बाद चंद्रमा पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के लिए तैयार है। चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान 3 की ‘फैट बॉय’एलवीएम-एम3 रॉकेट ले जाएगा।
तीसरे अभियान की तैयारी
अधिकारियों का कहना है कि इसरो चार साल के बाद एक बार फिर से चंद्रमा पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के लिए तैयार है। चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ अगस्त के आखिर में होगी। पिछली बार चंद्रयान 2 की चांद की सतह पर लैंडिग सफल नहीं हो पाई थी जिससे मिशन फेल हो गया था। इससे इसरो के वैज्ञानिक काफी निराश हुए थे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन इसरो प्रमुख के सिवान को गले लगाकर ढांढस बंधाया था। इस तरह की भावुक तस्वीरें आज भी लोगों को याद है।
दुनिया में भारत का स्तर काफी बढ़ेगा
चंद्रयान 3 की लांचिंग को लेकर पूरे देश में उत्साह है। सभी को उम्मीद है कि इस बार चंद्रयान मिशन पूरी तरह कामयाब होगा और दुनिया में भारत की अलग पहचान बनेगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान 3 भारत के अंतरराष्ट्रीय सहयोग के स्तर को विशेष रूप से विज्ञान,प्रौद्योगिकी,नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया अमेरिका सहित कई देशों से सहयोग बढ़ेगा।