लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद बीजेपी और क्षेत्र के लोगों को बड़ा आघात लगा है। यूपी की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर मतदान के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह का निधन हो गया। क्या यहां उपचुनाव होंगे इस सवाल का जबाव हमें चार जून को मिलेगा, जब मतगणना होगी।
- क्या मुरादाबाद लोकसभा सीट पर होगा उपचुनाव
- क्या चुनाव आयोग मतगणना से पहले लेगा कोई फैसला
- शनिवार देर शाम हुआ मुरादाबाद से भाजपा प्रत्याशी का निधन
- बीजेपी प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह का निधन
- पहले भी एक बार बन चुकी है ऐसी ही स्थिति
- 1991 में हुआ था मतदान के बाद निर्दलीय प्रत्याशी का निधन
- मतगणना के बाद ही हुई थी उस समय स्थिति साफ
बता दें कुंवर सर्वेश सिंह के निधन से मुरादाबाद में भाजपा की राजनीतिक का मजबूत स्तंभ शनिवार की शाम को ढह गया। सर्वेश सिंह के रसूख का ही असर था कि तमाम विरोधियों को दरकिनार कर भाजपा ने लगातार चौथी बार उन्हें मुरादाबाद लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाया था। मुरादाबाद की राजनीति में सर्वेश सिंह का पिछले तीन दशकों से अधिक समय से दबदबा था। भाजपा के टिकट पर वे ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से उस समय जीते थे जब भाजपा मुरादाबाद में अपना खाता खोलने के प्रयास में जुटी थी। ऐसे में वे क्षेत्र से बीजेपी के इकलौते विधायक हुआ करते थे। इसके बाद समय बदला तो वे लोकसभा का चुनाव भी मुरादाबाद सीट से लड़े, तीन बार वे सांसद चुने गये थे, इस बार चौथी बार मैदान में थे।
मतदान के बाद प्रत्याशी का निधन पहली घटना नहीं
मतदान के बाद ही नहीं मतगणना से पहले प्रत्याशी के निधन की यह पहली घटना नही है। लोकसभा चुनाव के इतिहास को उठाकर देखें तो एक बार और पहले भी ऐसा हो चुका है। उस दौरान भी इसी तरह की परिस्थिति बनी थी, जिसमें जो फैसला लिया गया। संभव है इस बार भी उसी तरह का निर्णय लिया जाए और मुरादाबाद में मतदान के बाद सामने आई परिस्थिति को सुलझाया जाए। चुनावी घटनाओं पर गौर करें तो साल 1991 के आमचुनाव पर नजर जाती है। उस समय भी मतदान के बाद और मतगणना के पहले प्रत्याशी का निधन हो गया था।
1991 का लोकसभा चुनाव है गवाह
1991 से 16 महीने पहले साल 1989 में आम चुनाव कराये गये थे। तब बनी 9वीं लोकसभा भंग की गई थी। देश उस समय 10वें लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा था। दरअसल यह मध्यावधि चुनाव की बेला थी। 1991 में मंडल और अयोध्या में राम मंदिर को लेकर देश की सियासी तासीर बदली हुई थी। इस सबके बीच बिहार के आरा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी थे सूर्यदेव सिंह। वे चार बार विधायक चुने जा चुके थे और वे बतौर सांसद अपनी पारी खेलने के लिए लोकसभा के चुनाव मैदान में थे। उनके सामने जनता दल के प्रत्याशी राम लखन सिंह यादव चुनौती देने मैदान में उतरे थे। बिहार की आरा लोकसभा सीट पर इस तरह दो बड़े दिग्गज एक दूसरे के सामने थे। मतदान तय दिन ओर समय पर हुआ। उस समय ईवीएम नहीं बैलेट पेपर से मतदान कराया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी सूर्यदेव सिंह के जीतने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन होनी को यह मंजूर न था और परिणाम आने से पहले ही सूर्यदेव का अपने पैतृक गांव में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। जिससे आरा सीट पर हो चुके मतदान को रद्द नहीं किया गया। मतगणना हुई थी मतगणना के दौरान चर्चा चल रही थी कि सूर्यदेव जीते तो उपचुनाव होंगे लेकिन सूर्यदेव सिंह पहले जींदगी और उसके बाद चुनावी बाजी हार गये। नतीजे आए तो जनता दल के रामलखन सिंह यादव जीत गए थे।
क्षेत्र के लोगों को सर्वेश सिंह के जीतने की उम्मीद
वहीं शनिवार 20 अ्रपैल को बीजेपी के मुरादाबाद से प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह का निधन होने के बाद से चर्चा इस बात की हो रही है कि मुरादाबाद लोकसभा सीट पर क्या 19 अप्रैल को हुआ मतदान रद्द माना जाएगा। वहीं मुरादाबाद में उपचुनाव कराए जाने को लेकर भी लोग संभावनाएं जता रहे हैं। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इस तरह बहुत जल्दी किसी नतीजे पर पहुंचना गलत है। एक्सपर्ट की माने तो शुक्रवार को हुई मतगणना को रद्द मानना अभी दूर की कौड़ी ही है। क्यों इसके लिए मतगणना तक रुकना ही होगा। अभी सिर्फ मुरादाबाद सीट पर मतदान ही हुआ है, नतीजा नहीं आया है। सर्वेश सिंह अगर 4 जून को जीत जाते हैं तो चुनाव आयोग को अगले 6 महिने के अंदर यहां उपचुनाव कराना होंगे।
मतगणना के परिणाम पर उपचुनाव निर्भर
सियासी जानकारों का तर्क है कि मुरादाबाद सीट पर मतदान की प्रक्रिया 19 अप्रैल को पूरी हो चुकी है। ऐसे में अभी तुरंत ही उपचुनाव की संभावना नजर नहीं आ रही है। हालांकि यह जरूर है कि मतगणना में अगर सर्वेश सिंह जीत जाते हैं तो उप चुनाव की संभावना बनी रहेगी। हां मतदान के दिन अगर सर्वेश सिंह की हार होती है और दूसरा कोई प्रत्याशी विजय घोषित किया जाता है तो वहीं सांसद माना जाएगा। लेकिन सर्वेश सिंह मतगणना में विजय घोषित होते हैं तब उस स्थिति में क्योंकि वे संसदीय क्षेत्र के लिए मौजूद नहीं रहेंगे। लिहाजा चुनाव रद्द किया जाएगा और मुरादाबाद लोकसभा सीट पर अगले 6 महीने में उपचुनाव कराए जाएंगे।