गुजरात में विधानसभा के चुनाव में अभी वक्त है। यहां 11 दिसंबर 2027 को राज्य विधानसभा का कार्यकाल पूरा होगा। पिछली बार 12 दिसंबर 2022 को यहां विधानसभा के चुनाव कराये गये थे। विधानसभा की 182 सीट वाले गुजरात में अभी से सियासी शतरंज पर मोहर फिट किये जाने लगे हैं।
गुजरात में सत्तारुड़ बीजपी और विपक्ष में बैठी कांग्रेस के बीच लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल को लेकर झगड़ा हो रहा है। वहीं आम आदमी पार्टी दो पार्टियों के झगड़े के बीच अपनी गुजरात में जमीन तलाशने में जुटी है। दरअसल बीजेपी और कांग्रेस गुजरात में सरदार पटेल की सियासी विरासत को लेकर दावे करते रहे हैं। कांग्रेस की माने तो सरदार पटेल का पूरा सियासी जीवन कांग्रेस के साथ रहा तो ऐसे में बीजेपी उनकी राजनैतिक विरासत का दावा कैसे कर सकती है। कांग्रेसी चाहते हैं कि सरदार पटेल की विरासत के जरिए उनकी पार्टी पटेल मतदाताओं पर अपना प्रभाव कायम करे। ऐसे में पार्टी अभी अपनी घुसपैठ बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं बीजेपी की तर्क है कि अगर कांग्रेस सरदार पटेल की इतनीं ही मानती है तो अभी तक उनका कोई बड़ा स्टेच्यू क्यों नहीं गया।
इधर कांग्रेस और बीजेपी की विरासत की लड़ाई के बीच आम आदमी पार्टी गुजरात में अपनी जमीन तलाशने में जुटी है। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में पिछले विधानसभा चुनावों में पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। अब इन चुनावों के पहले आम आदमी पार्टी केशुभाई पटेल की जमीन पर पटेल वोटों में अपनी पैठ बनाने में जुटी है। आम आदमी पार्टी ने गोपाल इटालिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था उसी समय कांग्रेस के साथ गठबंधन ये तय हुआ था कि विसावरद सीट पर आम आदमी पार्टी को चुनाव लड़ना है। दऱअसल ये इलाका बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का रहा है। अब इस सीट पर उपचुनाव होना है। आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस को अपना पुराना वादा याद दिला रही जिसमें उसने विसावरद सीट से आप के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने पर सहमति दी थी।
ऐसे में आम आदमी पार्टी यहां एक बडा सम्मेलन भी करने जा रही है। कांग्रेस और बीजेपी सरदार पटेल की सियासी विरासत के जरिए पटेल वोटो को साधने की कोशिश में है तो वही आम आदमी पार्टी केशुभाई पटेल की जमीन पर मैदानी स्तर पर इस कोशिश में जुट गई है। …प्रकाश कुमार पांडेय