संभल में खुदाई और सर्वे पर इस वक्त देशभर की नजर लगी हुई है। सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर सियासत हो रही है। संभल मंदिर और कुंए मिल रहे हैं। इन सबके साथ संभल में एक ऐसा किस्सा जिसका जिक्र उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने भी पिछले दिनों राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान किया। यह किस्सा था एक नरसंहार का। इस नरसंहार में 24 हिंदुओं को जिंदा जला दिया गया था। वहीं दंगे में 184 हिन्दुओं की हत्या की गई थी।
- 25 मार्च 1978 को था होली का त्योहार
- होली के दिन संभल में हुआ था दो समुदायों के बीच टकराव
- 29 मार्च 1978 को संभल में हुआ था सबसे बड़ा दंगा
- दंगे में हुई थी 184 हिन्दुओं की हत्या
- 24 लोगों को एकसाथ जला दिया था जिंदा
- 29 मार्च से 20 मई यानी 53 दिन तक लगा कर्फ्यू
- दंगों से जुड़े 169 मामले हुए थे दर्ज हुए
- 3 मामले पुलिस ने कराये थे दर्ज
- 166 मामले दोनों समुदायों की ओर से दर्ज कराये गये थे
हाथ-पैर काटकर डाल दिये थे जलते टायर
यह नरसंहार की घटना 1978 की है। 1978 के दंगों में बनवारी लाल गोयल के आहाता की है। संभल में बनवारी लाल गोयल के आहाते में 24 हिंदू रहा करते थे लेकिन दंगाईयों ने आहाते में ट्रैक्टर चला दिया और बनवारी लाल गोयल की हत्या कर दी। इतना ही नहीं बाकियों के हाथ पैर काटकर उन पर जलते टायर फेक दिए।
इस घटना को विस्तार से बनवारी लाल के बेटे विनीत से सबको बताया। विनीत ने कहा जब पता चला कि संभल में मंदिर मिला है तो वे भी दर्शन करने आए थे। इस दौरान उन्होने सीएम योगी आदित्यानथ से इंसाफ की गुहार लगाई है। बनवारी लाल के बेटे विनीत की माने को घटना को भले ही 46 साल गुजर चुके हैं, लेकिन उस नरसंहार के कुछ दोषी आज भी कहीं न कहीं जीवित हैं। ऐसे में वे मुख्यमत्री योगी आदित्नाथ से इंसाफ ही गुहार लगाते हैं।
CM योगी ने विधानसभा में मुद्दा उठाया
बता दें पिछले दिनों 16 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1978 के संभल दंगों का मुद्दा उठाया था। सीएम योगी ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो NCRB की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा 1978 में हुए दंगों में 184 हिंदुओं को जिंदा जलाया गया था। इनमें कई लोगों के तो शव तक नहीं मिले थें। आत्मा की शांति के लिए उनके पुतले बनाकर उस समय दाह संस्कार किया गया था।
सीएम ने कहा 1947 से लकर अब तक संभल में जिनते दंगे हुए उनमें 209 हिंदुओं की हत्या की गई, लेकिन घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों ने निर्दोष हिंदुओं के मारे जाने को लेकर दो शब्द नहीं कहे। 1978 में दंगा हुआ था, उस समय एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दिया था। जब दंगा हुआ तो हिंदू उनके घर जमा हो गए। उस समय उन्हें घेर लिया और वैश्य से कहा कि इन हाथों से सूद का पैसा मांगोगे। इसलिए पहले हाथ, फिर पैर इसके बाद गला काट दिया। अब सौहार्द की बात करने पर इन लोगों को शर्म नहीं आती।
(प्रकाश कुमार पांडेय)