जानें संभल के 1978 में क्या हुआ था…क्या है 24 हिन्दुओं को जिंदा जलाने का सच…! जिसका उल्लेख CM योगी ने सदन में किया

Sambhal Excavation Survey politics on violence Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath

संभल में खुदाई और सर्वे पर इस वक्त देशभर की नजर लगी हुई है। सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर सियासत हो रही है। संभल मंदिर और कुंए मिल रहे हैं। इन सबके साथ संभल में एक ऐसा किस्सा जिसका जिक्र उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने भी पिछले दिनों राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान किया। यह किस्सा था एक नरसंहार का। इस नरसंहार में 24 हिंदुओं को जिंदा जला दिया गया था। वहीं दंगे में 184 हिन्दुओं की हत्या की गई थी।

हाथ-पैर काटकर डाल दिये थे जलते टायर

यह नरसंहार की घटना 1978 की है। 1978 के दंगों में बनवारी लाल गोयल के आहाता की है। संभल में बनवारी लाल गोयल के आहाते में 24 हिंदू रहा करते थे लेकिन दंगाईयों ने आहाते में ट्रैक्टर चला दिया और बनवारी लाल गोयल की हत्या कर दी। इतना ही नहीं बाकियों के हाथ पैर काटकर उन पर जलते टायर फेक दिए।

इस घटना को विस्तार से बनवारी लाल के बेटे विनीत से सबको बताया। विनीत ने कहा जब पता चला कि संभल में मंदिर मिला है तो वे भी दर्शन करने आए थे। इस दौरान उन्होने सीएम योगी आदित्यानथ से इंसाफ की गुहार लगाई है। बनवारी लाल के बेटे विनीत की माने को घटना को भले ही 46 साल गुजर चुके हैं, लेकिन उस नरसंहार के कुछ दोषी आज भी कहीं न कहीं जीवित हैं। ऐसे में वे मुख्यमत्री योगी आदित्नाथ से इंसाफ ही गुहार लगाते हैं।

जाने 1978 में नरसंहार कहानी जब हिंदुओं पर था नरसंहार

CM योगी ने विधानसभा में मुद्दा उठाया

बता दें पिछले दिनों 16 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1978 के संभल दंगों का मुद्दा उठाया था। सीएम योगी ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो NCRB की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा 1978 में हुए दंगों में 184 हिंदुओं को जिंदा जलाया गया था। इनमें कई लोगों के तो शव तक नहीं मिले थें। आत्मा की शांति के लिए उनके पुतले बनाकर उस समय दाह संस्कार किया गया था।

सीएम ने कहा 1947 से लकर अब तक संभल में जिनते दंगे हुए उनमें 209 हिंदुओं की हत्या की गई, लेकिन घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों ने निर्दोष हिंदुओं के मारे जाने को लेकर दो शब्द नहीं कहे। 1978 में दंगा हुआ था, उस समय एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दिया था। जब दंगा हुआ तो हिंदू उनके घर जमा हो गए। उस समय उन्हें घेर लिया और वैश्य से कहा कि इन हाथों से सूद का पैसा मांगोगे। इसलिए पहले हाथ, फिर पैर इसके बाद गला काट दिया। अब सौहार्द की बात करने पर इन लोगों को शर्म नहीं आती।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

Exit mobile version