लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने नई रणनीति बनाई है। पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने दिग्गजों के लिए खास सियासी रणनीति बनाई हैं। अखिलेश ने अपना बूथ जीतो के नारे के साथ सपा सांसदों के साथ विधायकों और दूसरे पदाधिकारियों के लिए अपना बूथ जिताना अनिवार्य कर दिया है।
- 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अखिलेश की नई रणनीति
- सभी पदाधिकारियों को दिया जाएगा बूथ का प्रभार
- अपने अपने बूथ पर पार्टी को जिताने का होगा जिम्मा
- पिछले चुनावों में दिग्गजों के बूथ पर सपा हो गई थी साफ
समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री चौधरी राजपाल सिंह की माने तो पार्टी बूथ स्तर को मजबूत इकाई मानकर काम करने की रणनीति में जुटी हैं। इसमें सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ को मिलकर जुटना होगा। चुनावी परिणाम भी इसी रणनीति के मुताबिक आएंगे। पार्टी के दिग्गजों को खुद के बूथ का प्रभारी बनाया जाएगा। कई चुनावों के आंकड़ो में देखने में आता रहा है कि कई दिग्गजों के बूथ पर भी पार्टी के प्रत्याशी हारते रहे हैं। उससे पार्टी और दिग्गज नेता दोनों की फजीहत होती है।
हर बूथ पर होगी 15 कार्यकर्ताओं की टीम
अगले साल 2024 होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले NDA बनाम I.N.D.I.A की संभावित चुनावी जंग के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुटी हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी ने यूपी में भाजपा की तर्ज पर चुनावी बूथ की मजबूती पर जोर देना शुरू कर दिया है। सपा थिंक टैंक की रणनीति बताती है कि पार्टी की ओर से हर बूथ पर 15 कार्यकर्ताओं की टीम बनाई जा रही है। जिसके लिए पार्टी के सीनियर नेताओं को बूथ का प्रभार सौंपा जा रहा है।
इसलिए हारे थे दिग्गजों के क्षेत्र में सपा प्रत्याशी
साल 2017 और इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव के साथ 2019 में हुए लोकसभा चुनाव ही नहीं यूपी में नगर निकाय चुनाव में भी वेस्ट यूपी में यह देखा गया है कि पार्टी के दिग्गजों के बूथ पर ही पार्टी प्रत्याश्यिों को हार का सामना करना पड़ा था। जिनमें सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय, प्रांतीय और दूसरे स्तर के पदाधिकारियों के गृह क्षेत्र वाले बूथों पर ही पार्टी प्रत्याशी हार गए, ऐसे में चुनाव जीतने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। 2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो कई जिलों में सपा के नामवर नेताओं के बूथ पर पार्टी प्रत्याशी बुरी तरह हारे थे। हालांकि ऐसे दिग्गजों में से कई लोग बाद में सफाई यह फाई देते नजर आए कि वे अब दूसरी जगह जाकर रहने लगे हैं। जिसके चलते मूल बूथ पर ध्यान नहीं दिया गया। बूथ पर हर हाल में पार्टी को मजबूत करने के लिए एसपी के थिंक टैंक अब पार्टी पदाधिकारियों की इस तरह की बहानेबाजी पर लगाम लगाने के लिए ही नई रणनीति पर काम कर रहा है। जिसमें बूथ मजबूत करो अभियान भी शामिल है। जिसके के तहत पार्टी के दिग्गजों को नई जिम्मेदारी दी जा रही है। अब दिग्गजों को भी उनके गृहक्षेत्र वाले बूथ का प्रभार सौंपा जाएगा। इसके बाद पार्टी प्रत्याशी को जिताने का जिम्मा भी उन प्रभारियों का ही होगा।