मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी की जीत…! क्या अखिलेश को भारी पड़ गया उनका अति आत्मविश्वास…? जानें सपा की हार की क्या थी बड़ी वजह

Samajwadi Party defeat in Milkipur assembly seat of Uttar Pradesh

यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को अयोध्या सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी को मिली इस हार का बदला पार्टी मिल्कीपुर में बंपर जीत के साथ लेती दिखाई दे रही है। बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभान पासवान ने सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद पर निर्णायक बड़ी बढ़त हासिल कर ली है। मिल्कीपुर में भगवा लहराने लगा है। पार्टी कार्यालय में जश्न मनाया जा रहा है। इस जीत के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद चुनावी बागडोर संभाली थी। दर्जनों मंत्रियों की ड्यूटी चुनाव में प्रचार के दौरान लगाई गई। जिसका असर परिणामों में दिखाई दिया है।

लोकसभा चुनाव के बाद से साइकिल ने छोड़ा ट्रैक ?

लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में मिली सपा को बंपर जीत मिली थी, जिससे सपा गदगद थी। अयोध्या फैजावाद सीट पर भी सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने बीजेपी को धूल चटाई दी लेकिन उपचुनाव में इस बार सपा का प्रदर्शन फीका रहा। अयोध्या जीतने वाले अवधेश के बेटे मिल्कीपुर में कठीन दौर से गुजर रहे हैं। पिछली बार 9 सीटों पर उपचुनाव में हुए थे। सपा को केवल 2 सीट करहल और सीसामऊ पर ही जीत मिली थी। यहां भी जीत का अंतर कम हो गया था। वहीं अब अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर पिछड़ने के बाद सपा ने​तृत्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर क्या वजह रही कि पार्टी इस तरह लड़खड़ाती दिख रही है।

सपा की मिल्कीपुर में हार की वजह

9 सीटों पर उपचुनाव में हार के बाद सपा को मिल्कीपुर सीट भी हाथ से फिसलती दिखाई दे रही है। बीजेपी यहां भी कुंदरकी वाला कमाल दोहराते नजर आ रही है। सपा का मिल्कीपुर का अभेद किला माना जाता है, जो आखिर कैसे ध्वस्त हो गया, इसे लेकर भी अब सवाल खड़े होना शुरू हो गये हैं। सपा की ओर से 6 महीने पहले ही मिल्कीपुर में उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था। सपा ने मिल्कीपुर में विधायक रहे अवधेश प्रसाद के फैजाबाद सीट से सांसद चुने जाने के बाद उनके बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन यह दांव भी काम नहीं कर सका।

पिता की सीट बचाने में असफल अजीत प्रसाद

समाजवादी पार्टी की हार के पीछे रहने की वजह अति आत्मविश्वास को भी माना जा रहा है। मिल्कीपुर उपचुनाव में यहां के सियासी समीकरण के चलते समावादी पार्टी सेफ सीट मानकर चल रही थी। ऐसे में अवधेश प्रसाद जो लोकसभा चुनाव जीतकर सपा को गदगद करते नजर आए वे मिल्कीपुर में अपने ही बेटे को हार से नहीं बचा पाए। जबकि चुनावी कमान सांसद अवधेश प्रसाद को सौंपी गई थी। उनके बेटे को ही उम्मीदवार बनाया थी। लेकिन अजीत प्रसाद पिता की सीट बचाने में असफल साबित हो गए।।

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