महालोक लोक के निर्माण के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार सकलनपुर देवी महालोक बनाने जा रही है. यह लोक सीएम शिवराज के गृह विधानसभा क्षेत्र बुधनी में बनेगा. देवी महालोक का भूमिपूजन 31 मई को किया जाएगा, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है. भूमिपूजन को प्रदेशभर के मंदिरो में लाइव प्रसारित किया जाएगा. भूमिपूजन के लिए 52 शक्तिपीठों से मि्ट्टी लाई जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों को भी देवी महालोक के आयोजनों में शामिल होने का निमंत्रण दिया है.
सीएम की पत्नी ने रथ को किया रवाना
सकलनपुर में देवीलोक पर होने वाले तीन दिवसीय महोत्सव से पहले सीएम हाउस में कार्यक्रम आयोजित किया गया . इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान ने माता विजयासन की चरण पादुका को रथ से रवाना किया. यह रथ चरण पादुकाओं को लेकर रसीहोर जिले के गांवों में घूमेगा और देवीलोक के लिए ईट इकट्ठी करेगा. इन ईटों का देवी लोक के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा.
तीन दिवसीय महोत्सव का होगा आयोजन
देवी लोक के भूमिपूजन के अवसर पर तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस महोत्सव में कई तरह के आयोजन और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. इन आयोजनों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. चलिए आपको तारीख के अनुसार आयोजनों के बारे में बताते है.
29 मई– इस दिन कलश ,पूजा थाली सजाओ प्रतियोगिता, रंगोली, मिट्टी के दीए सजाओ प्रतियोगिता होगी. इसके साथ ही महिला भजन मंडलो के बीच भी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिसमें जो प्रथम, द्वितीय आएंगे उन्हें पुरुस्कार दिए जाएंगे.
30 मई – इस दिन 6 साल से 12 साल और 12 से 18 साल की बेटियों द्वारा माता का श्रृंगार किया जाएगा. इन्हें भी 21 हजार और 11 हजार के पुरुस्कार बांटे जाएंगे. साथ ही इस दिन 51 हजार दीप भी प्रज्वलित किए जाएंगे. इसके अलावा पुरूषों की भजन प्रतियोगिता के लिए 1 लाख रूपए का प्रथम पुरस्कार तय किया गया है. वहीं दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाली मंडलियों को 51 हजार और 21 हजार रूपए मिलेंगे.
31 मई– इस दिन देवी महालोक का भूमिपूजन किया जाएगा, जिसके लिए 51 शक्तिपीठों से मिट्टी लाई जा रही है.
52 शक्तिपीठों की लाई जाएगी मिट्टी
सलकनपुर देवी महालोक के भूमिपूजन में 52 शक्तिपीठों से मिट्टी लाई जा रही है. भूमिपूजन के आयोजन में शामिल होने के लिए शिवराज सरकार द्वारा कई साधु संतों को भी आमंत्रण दिया गया है. आगामी विधानसभा चुनावों को देंखते हुए शिवराज सरकार आयोजनों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है.