राजस्थान में सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत का मामला ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट अपने रुख पर कायम हैं। ऐसे कांग्रेस के भीतर फिलहाल कुछ भी ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। पायलट हाल ही दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के फैसलों से संतुष्ठ नहीं है। उनके हाव भाव से इसी के प्रकार के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि अब तक पायलट ने इस संबंध में खुलकर कुछ भी नहीं कहा है।
- दौसा में मनाएंगे सचिन अपने पिता की पुण्यतिथि
- पिता की पुण्यतिथि पर हर साल करते हैं शक्ति प्रदर्शन
- 11 जून को है राजेश पायलट की पुण्यतिथि
- पायलट गहलोत में सियासी खींचतान जारी
- सचिन पायलट बनना चाहते हैं सीएम
- अशोक गहलोत नहीं छोड़ना चाहते सीएम की कुर्सी
- 11 जून को सचिन पायलट ले सकते हैं बड़ा फैसला
बता दें सचिन पायलट ने प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को अपनी मांगों को लेकर 31 मई तक का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पिछले दिनों 29 मई को उन्होंने संकेत दिये थे कि वे अब भी सरकार और पार्टी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में अब राजस्थान के लोगों और पायलट समर्थकों को 11 जून का इंतजार है। इस दिन सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर है। माना जा रहा है सचिन पायलट इस दिन बड़ा ऐलान कर सकते हैं। अलग पार्टी बनाने या किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने का भी फैसला सचिन पायलट अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर ले सकते हैं।
राजेश पायलट की पुण्यतिथि 11 जून को
राजेश पायलट की पुण्यतिथि 11 जून को है। सचिन पायलट हर साल 11 जून को अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करने दौसा पहुंचते हैं। सियासी हल्को में चर्चा है कि इस साल भी दौसा पहुुंचकर सचिन पायलट अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे इसके साथ ही वे कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है सचिन पायलट इस दौरान बड़ी घोषणा कर सकते हैं। अटकलें तो यह भी लगाई जा रही हैं कि सचिन पायलट की दौसा में नई पार्टी के संबंध में भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। दरअसल राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट दौसा में एक तरह से शक्ति प्रदर्शन करते आ रहे हैं। इस बार भी 11 जून को सचिन पायलट शक्ति प्रदर्शन के तौर पर कोई बड़ा आयोजन पिता की पुण्यतिथि पर कर सकते हैं।
सिंधिया ने भी पिता की जयंती पर लिया था बड़ा फैसला
बता दें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जयंती पर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था। 11 मार्च 2020 को उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद 2020 में हुए उपचुनाव में बीजेपी की सरकार बनी थी। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भले ही कांग्रेस छोड़ दी हो लेकिन उनकी सचिन पायलट से मित्रता में कोई कमी नहीं आई है। दोनों जब भी मिलते हैं मुस्कराकर एक दूसरे का स्वागत करते हैं। ऐसे में सियासी हल्कों में चर्चा जोरों पर है कि ऐसा ही कुछ राजस्थान में सचिन पायलट भी कर सकते हैं।