कांग्रेस के हाथ से निकल गए सचिन पायलट!

कांग्रेस के हाथ से निकल गए सचिन पायलट!

राजस्थान कांग्रेस में बीते साल से गहलोत और पायलट के बीच चल रही सियासी जंग अभीतक शांत नहीं हुई है. कांग्रेस आलाकमान की कई कोशिशों के बावजूद भी पायलट-गहलोत का विवाद नही सुलझ सका. इसी बीच कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने राज्य कैबिनेट विस्तार को लेकर बड़ा बयान दिया है. अजय माकन ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी अस्वस्थ्य है. अगर उनकी तबीयत ठीक रहती तो कैबिनेट का विस्तार कबका हो गया होता. लेकिन अभी उनकी तबीयत ठीक नहीं है. गहलोत के पूर्ण स्वस्थ्य होने के बाद ही कैबिनेट विस्तार पर कोई फैसला लिया जाएगा. वही माकन ने सचिन पायलट को लेकर एक बड़ा बयान दे डाला.

अजय माकन ने पायलट मामले को लेकर कहा की रही बात सचिन पायलट की तो उनका राष्ट्रीय स्तर पर क्या करना है, यह हमारे लेवल से बाहर है. पायलट के मामले में जो भी तय होगा, वह सोनिया गांधी तय करेंगी. पायलट को राष्ट्रीय स्तर पर करना है, तो वह कर देंगी और अगर पायलट को राज्य स्तर पर क्या करना है, तो वह हम कर देंगे. अजय माकन के इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में चार्चा है कि क्या सचिन पायलट कांग्रेस के हाथ निकल गए है. आखिर अजय माकन ने ऐसा क्यों बोला की पायलट का स्तर क्या है, यह हमारे लेवल से बाहर है. क्या सचिन पायलट और अजय माकन के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसी चर्चाएं अब राज्य की सियासत को फिर गर्म करने लगी है. बता दें कि राजस्थान सरकार में कैबिनेट का विस्तार होना है. इसके साथ ही राज्य में रजनैतिक नियुक्तियां भी होना है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तबीयत खराब होने के चलते कैबिनेट विस्तार नहीं हो पाया. वही पायलट कैबिनेट विस्तार में अपने समर्थकों को शामिल कराना चाहते है. बीते दिनों खबरे आई थी की सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच मतभेद चल रहे थे, लेकिन अब यह मतभेद दूर हो चुके हैं. पायलट केंप के लोगों को सरकार में जगह मिलने जा रही है.

क्या पायलट बनेगे उपमुख्यमंत्री?

पायलट कैंप की ओर से दावा किया गया था कि मंत्री मंडल का विस्तार अगस्त में ही होना था, लेकिन मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य सही नहीं रहने के चलते इसे टाल दिया गया था. लेकिन अब गहलोत मंत्रीमंडल का विस्तार हो जाएगा. मंत्रीमंडल विस्तार में पायलट समर्थक कम से कम पांच विधायकों को मंत्री पद मिलना तय माना जा रहा है. वही सचिन पायलट ने कहा था की मंत्रीमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मुख्यमंत्री पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा कर रहे है, लेकिन हमारा लक्ष्य एकजुट होकर 2023 में कांग्रेस को वापस लाना है. लेकिन पायलट ने खुद को डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना को लेकर साफ कर दिया की वो सरकार में शामिल नहीं होंगे.

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