कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज संसद में अडाणी मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडाणी के मुद्दे पर बहस कराई जाए। राहुल ने सरकार को घेरने के साथ साथ अडाणी के मुद्दे पर कई सारे सवाल पूछे । राहुल गांधी ने प्रश्नकाल के भाषण में सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी है। राहुल ने पूछा कि-
2014 से लेकर 2022 तक अडाणी की संपत्ति में इतना इजाफा कैसे हुआ।
2014 में अडाणी की संपत्ति 8 बिलियन डालर थी
2022 आते तक अडाणी की संपत्ति में 140 बिलियन डॉलर कैसे बढ़ गई।
2014 से लेकर अडाणी 2022 तक विश्व के अमीरों में 609 नंबर पर थे कैसे वो 2022 तक विश्व के तीसरे अमीर बन गए
राहुल गांधी ने एक तस्वीर दिखाकर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अडाणी के साथ एक ही प्लेन में दिखाई दे रहे हैं।
राहुल ने अडाणी मामले पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बना कर जांच कराने की मांग की।
राहुल गांधी ने कहा कि ये विदेश नीति भारत की नहीं अडाणी की है।
राहुल गांधी ने कहा कि अडाणी को ज्यादातर सेक्टर में फायदा पहुंचाया गया ।
जिन सेक्टर में वो काम नहीं करते हैं उन सेक्टर में भी उनको काम दिया गया ।
राहुल गांधी ने तमामा आरोपों के बीच सीधा सीधा सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडाणी के बीच का रिश्ता क्या कहलाता है।
भड़की बीजेपी बोली सबूत लाओ हवाई किला मत बनाओ
वहीं राहुल गांधी के सवालों पर बीजेपी नेताओं ने पलटवार किया है । बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी किसी भी तरह का आरोप लगाने के पहले सबूत लेकर आए। बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी किसी भी तरह के आरोप लगाने के पहले दस्तावेज लेकर आएं।
सवाल बहाना है 2024 निशाना है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान और सवालों पर राजनैतिक गलियारे गरमा रहे हैं। जानकार मानते है कि अडाणी के बहाने विपक्ष के हाथ एक बड़ा मुद्दा लगा है यही कारण है कि
- विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर है और लामबंद भी ।
- अडाणी के बहाने विपक्ष को सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साधने की मौका मिला है।
- जनता के बीच प्रधानमंत्री की छवि को लेकर भ्रम बनाने की कोशिश विपक्ष की होगी।
- विपक्ष इसका सीधा सीधा फायदा विपक्ष 2024 में उठाना चाहता है।
- क्योंकि मोदी सरकार में विपक्ष के हाथ पहला कोई आर्थिक मुद्दा लगा है।
- राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी अडाणी और अंबानी सहित पीएम मोदी के उद्योगपति मित्रों को जिक्र किया था।
दऱअसल विपक्ष को पहली बार सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आर्थिक मुद्दा हाथ लगा है । इससे पहले कई सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर सरकार को घेरने की विपक्ष की कोशिशें नाकाम रहीं हैं यही कारण है कि -विपक्ष अडाणी मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहता।