संघ प्रमुख ने दिया ये संदेश…कहा हमारे पास शक्ति है तो यह शक्ति दिखानी होगी…राक्षस का अंत देश और धर्म की रक्षा के लिए जरूरी

RSS chief Mohan Bhagwat spoke on Pahalgam terrorist attack

पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। भागवत ने कहा मौजूदा संघर्ष धर्म और अधर्म के बीच है। न कि केवल किसी संप्रदाय या किसी धर्म के नाम पर। संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि जो लोग धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते हैं। वे दरअसल कट्टरपंथी हैं। ऐसा आचरण राक्षसी प्रवृत्ति का ही परिचायक है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बात पर बल देते हुए कहा अगर हमारे पास शक्ति है तो यह शक्ति दिखानी होगी।

संघ प्रमुख ने कहा है कि यह लड़ाई संप्रदायों और धर्मों के बीच नहीं है। इसका आधार जरूर धर्म और संप्रदाय है लेकिन सत्यता में यह धर्म और अधर्म के बीच का युद्ध है लड़ाई है। संघ प्रमुख ने आगे यह भी कहा भारतीय सैनिकों और नागरिकों ने कभी किसी की धर्म पूछकर हत्या नहीं की है। मोहन भागवत ने कहा हिंदू कभी भी धर्म पूछकर हत्या नहीं करते है। जो धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते हैं वे दरअसल कट्टरपंथी हैं। इस तरह का आचरण राक्षसी प्रवृत्ति का ही परिचायक है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा हमारे दिल में दर्द है। हम गुस्से में हैं। लेकिन इस बुराई को नष्ट करने के लिए हमें ताकत दिखानी होगी। रावण ने अपना इरादा कभी नहीं बदला तो युद्ध के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। प्रभु श्री राम ने रावण को सुधारने का मौका दिया भी था और उसके बाद उसे मारा था।

राम-रावण प्रसंग भी सुनाया

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रामायण काल के रावण प्रसंग का उदाहरण दिया और कहा रावण भगवान शिव का अनन्य भक्त था। रावण वेद पुराण जानता था, लेकिन रावण का मन और बुद्धि बदलने को तैयार नहीं थे। ऐसे राक्षस का अंत प्रभु श्री राम ने किया, क्योंकि बदलने के लिए कभी-कभी विनाश बहुत आवश्यक होता है। मोहन भागवत ने कहा राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों का अंत करना देश और धर्म की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है। संघ प्रमुख ने कहा देश के हर नागरिक के मन में दुख और आक्रोश भरा होना स्वाभाविक है। क्योंकि राक्षस और रावण का विनाश करने के लिए अपरिमित शक्ति की जरुरत होती है। उन्होंने ने इस बात पर भी बल दिया कि कुछ लोग चेतना और तर्क से परे होते हैं। ऐसे लोगों में कभी भी कोई सुधार संभव नहीं होता। ऐसे लोगों के खिलाफ सिर्फ कठोर कार्रवाई ही उनका समाधान है।..प्रकाश कुमार पांडेय

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