राजस्थान में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहे हैं कांग्रेस की परेशानी बढ़ती जा रही है। राज्य के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच छिड़ी जंग के बीच गुलाबी शहर जयपुर की मेयर मुनेश गुर्जर ने कांग्रेस को नई परेशानी में डाल दिया है।
- जयपुर के नगर निगम हेरिटेज में रार
- मेयर मुनेश गुर्जर और अतिरिक्त आयुक्त में तकरार
- अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा पर बदतमीजी करने का आरोप
- सीएम को भेजा मेयर ने इस्तीफा
- 50 पार्षदों के साथ लिखा इस्तीफा, दिया धरना
जयपुर के नगर निगम हेरिटेज में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से नाराज होकर महापौर मुनेश गुर्जर अपने समर्थक करीब 40 से ज्यादा पार्षदों के साथ नगर निगम में ही धरने पर बैठ गईं। मेयर मुनेश गुर्जर ने अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा पर बदतमीजी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है। जिसमें कहा है कि सरकार जल्द से जल्द अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा को निलंबित करे। ऐसा नहीं किया गया तो वे नगर निगम के पचास पार्षद बोर्ड और पार्षद पद से इस्तीफा देंगी। इसके बाद मुनेश गुर्जर ने 50 पार्षदों के साथ अपना इस्तीफा लिख मुख्यमंत्री को भेज दिया।
अतिरिक्त आयुक्त को कमरे में किया बंद
दरअसल, नगर निगम के पार्षदों को उनके इलाकों में 5 अस्थायी कर्मचारी दिए जाते हैं। इसके लिए अतिरिक्त आयुक्त के निर्देशन में गठित टीम टेंडर प्रकिया निकलने वाली थी। पार्षदों का आरोप है कि राजेन्द्र वर्मा पिछले 15 दिन से टेंडर नोटशीट पर साइन नहीं कर रहे हैं। जबकि क्षेत्र में मानसून को देखते हुए कर्मचारियों की आवश्यकता है। 15 दिन बाद शुक्रवार को 50 पार्षद महापौर के पास गए और टेंडर नोटशीट पर साइन कराने की बात कही। इस दौरान महापौर मुनेश गुर्जर ने अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा को अपने ऑफिस में बुलाया लेकिन वर्मा नहीं पहुंचे। ऐसे में सभी पार्षद उनके कक्ष में गए। उन्हें जबरन महापौर के कक्ष में ले आए। जहां वर्मा ने एक बार फिर साइन नहीं करने की बात कही। इसके बाद वर्मा की महापौर और पार्षदों से बहस हो गई। नाराज पार्षदों ने अतिरिक्त आयुक्त के कमरे में ही बैठाए रखा हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मंत्री महेश जोशी नगर निगम पहुंचे और दोनों पक्षों को सुना।