भोपाल की कई रहवासी कॉलोनियों में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिल रहा है। हालांकि नगर निगम की टीम लगातार आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम कर रही है। बावजूद इसके कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हम बात कर रहे हैं कोलार रोड स्थित यू बी सिटी काॅलोनी की। जहां कॉलोनी के रहवासी कुत्तों के आतंक से परेशान हैं। भोपाल यूबी सिटी कॉलोनी के रहवासियों का कहना है कि दरअसल यहां रहने वाले पेट लवर कॉलोनी के लोगों के परेशानी का कारण बने हुए हैं। पेट लवर आवारा कुत्तों को कॉलोनी के कैंपस में लाकर उन्हें खाना देते हैं। जिससे कुत्ते कहीं नहीं जाते। अगर कोई रहवासी कुत्तों को भगाते हैं तो वे उनके खिलाफ कार्रवाई की बात करते हैं। इतना ही नहीं उनका कहना हे कि अगर कुत्ते हटा दिए और किसी के घर या उनके स्वयं के घर चोरी हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। वहीं कुत्तों के बढ़ते आतंक से परेशान रहवासियों ने इसके लिए नगर निगम में भी फोन किया। दो तीन बार डॉग केचर वेन भी कुत्तों को पकड़कर ले गई। लेकिन कॉलोनी के ही पेट लवर ने इन आवारा कुत्तों को संरक्षण दे रहे हैए ऐसे में दूसरे पक्ष का कहना है कि यदि कुत्ते किसी बच्चे को काटते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
शहर में हर दिन 30 से 40 लोग हो रहे शिकार
भोपाल में आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हर दिन जेपी अस्पताल में 30 से 40 नए मामले आ रहे हैं। यह तो सिर्फ जेपी अस्पताल के आंकड़े हैं।
हमीदिया अस्पताल के साथ अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों के आंकड़े भी मिला लिया जाए तो रोज नए मरीजों की संख्या 150 के करीब होगी। जबकि इससे पहले तक रोज करीब 20 मामले ही आ रहे थे। सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। बच्चों को कुत्ते आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं।
पिछले दिनों किया था 7 साल की बच्ची पर कुत्तों ने हमला
बता दें भोपाल में आवारा कुत्तों की वजह से दहशत का माहौल बना हुआ है। पिछले दिनों एक आवारा कुत्ते ने 7 साल की मासूम बच्ची पर हमला किया था। बच्ची की आंख नोंच दी थी। इतना ही नहीं सिर भी खाने की कोशिश की थी। इस वजह से सिर के अंदर से मांस बाहर निकल गया था। बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया था। यह पहला मामला नहीं है। जब आवारा कुत्तों ने किसी मासूम को अपना शिकार बनाया हो।
जनवरी 2022 से लेकर अब तक आवारा कुत्तों द्वारा तीन मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाया जा चुका है।
जनवरी में बागसेवानिया इलाके में इलाके एक चार साल की बच्ची पर आधा दर्जन आवारा कुत्तों ने हमला कर जख्मी किया था। जानकारी के मुताबिक पिछले 8 माह के अंदर आवारा कुत्ते तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। वहीं फरवरी में अशोका गार्डन इलाके के वर्धमान पार्क एरिया में 6 साल की बच्ची को कुत्तों ने नौच कर उसके पैर को जख्मी कर दिया था। 2 महीने पहले मिलेट्री एरिया के द्रौणाचाल में एक 7 साल के बच्चे की लाश मिली थी। लाश को देखकर ऐसा माना जा रहा था कि कुत्तों के हमले में मासूम की मौत हुई थी।