भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कल से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा.यह मैच लंदन के ओवल मैदान पर होगा. इससे पहले का फाइनल मुकाबला भी भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड में ही खेला था. इंग्लैंड में ही टेस्ट चैंपियनशिप के अगले सर्कल का भी फाइनल खेला जाना तय है. ऐसे में बहुत से लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि इंग्लैंड में ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल क्यों खेला जाता है. चलिए आपके इस सवाल का जवाब देते है और आपको इंग्लैंड में फाइनल खेले जाने के प्रमुख कारण बताते हैं.
इंग्लैंड में सभी टीमों का फेन बेस
इंग्लैंड दुनिया के सबसे विकसित देशों में से एक है. यहां पर पूरी दुनिया से लोग रोजगार के लिए आते है. रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड की आबादी के 5.60 करोड़ लोगों में करीब 60 लाख माइंग्रेंट्स है जो इंग्लैंड में रह रहे है.इसके चलते यूके में दुनिया की सारी क्रिकेट टीम के फैंस मौजूद है. अब बात रही भारतीय और ऑस्ट्रेलियन्स की, तो लंदन में करीब 6.50 लाख भारतीय है, वहीं ऑस्ट्रेलियन्स की तादाद 55 हजार है. ऐसे में दोनों टीमों को फाइनल में चीयर करने के लिए मैदान में फैंस की कमी नहीं होने वाली है.
इंटरनेशनल टूरिस्ट डेस्टिनेशन
यूके दुनिया के सबसे सुंदर देशों में से एक है. लंदन की तो खूबसूरती के पूरी दुनिया में चर्चा है. यहां पर देश विदेश से लोग घूमने के लिए आते है. ब्रिटेन की बेबसाइट के अनुसार पिछले साल इंग्लैंड में जून-जुलाई के दौरान करीब 38 लाख टूरिस्ट पहुंचे थे. इन दर्शकों को टारगेट करने के लिए आईसीसी इंग्लैंड में टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल करवाती है तो ताकि ज्यादा से ज्यादा रेवन्यू जनरेट किया जा सकें.
इंडियन ऑडियन्स के लिए बेहतरीन टाईमिंग
दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट मार्केट भारत है. आईसीसी भी इस बात को बहुत अच्छे से समझता है. इसलिए इंग्लैंड़ को चुनता है क्योंकि यहां की टाईमिंग इंडियन ऑडियंस के लिए सही रहती है. इंग्लैंड में खेले जाने वाले टेस्ट मैच भारत में शाम 4 बजे से शुरू होते है और रात 11 बजे खत्म होते है, जो भारत में दर्शकों की पीक टाईमिंग होती है, इस समय मैच टेलिकास्ट होने से आईसीसी को अच्छा फायदा होता है . अगर भारत फाइनल में न भी पहुंचे तो भी मैच देंखने वाले ज्यादातर दर्शक भारतीय ही होते है.