आरबीआई के फैसले पर क्यों मचा है सियासी बवाल,गहलोत का केन्द्र से सवाल,क्या रहस्य उजागर करेंगे?

RBI two thousand note

भारतीय रिजर्व बैंक ने जब 2000 रुपए के नोट को जब वापस लेने का एलान किया तो देश भर में सियासत पारा चढ़ गया। बैंक ने यह फैसला ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत लिया है। जिसके चलते इन नोटों का चलन बंद हो जाएगा। रिजर्व बैंक के मुताबिक, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर रहेगा, लेकिन चरणबद्ध तरीके से 30 सितंबर 2023 को चलन से बाहर हो जाएगा। आरबीआई के इस बड़े फैसले के बाद अब राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत दिग्गज नेताओं के रिएक्शन सामने आ रहे हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बोले, पीएम मोदी की एक और नोटबंदी। दुख की बात है कि बीजेपी सरकार के पास अपनी नीतियों को लेकर स्पष्टता नहीं है। 2000 के नोट को बंद करने की योजना बना ही रहे थे तो साल 2016 में आप 2000 के नोट क्यों लेकर आए। दरअसल यह भाजपा सरकार अपनी नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार की शाम 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है। आरबीआई के इस फैसले पर सियासत गरमा गई है।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सवाल उठाते हुए कहा केन्द्र सरकार को यह बताना चाहिए कि उसे फिर से ऐसा फैसला क्यों लेना पड़ा? इसके पीछे का रहस्य क्या है, ये रहस्य सरकार को जनता को बताए हालांकि उन्होंने नोट जमा कराने के लिए समय सीमा देने को सही कदम बताया और कहा केन्द्र सरकार ने इससे पहले ऐसा न करके बहुत बड़ी गलती की थी। पिछलीबार की गई नोटबंदी एक बहुत बड़ा ब्लंडर थी। उन्होंने कहा कि देश में पहले भी एक हजार और 500 के नोट बंद किए गए थे। वहीं सीएम गहलोत ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि बाजार से पहले ही 2000 के नोट गायब हो गए थे लेकिन ऐसा था तो यह जांच का विषय है। इसका जवाब आरबीआई को देना होगा। उसे इसका जवाब देश की जनता को देना चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने किया कमेंट

दिलली के सीएम और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 2000 रुपये के नोट वापस लेने के मुद्दे पर कहा कि पहले सरकार कह रही थी कि 2000 रुपये के नोट लाने से भ्रष्टाचार रुकेगा। अब कह रहे हैं कि 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। इसलिए हम कहते हैं कि पीएम को शिक्षित होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम कुछ भी कह सकता है। वे नहीं समझते, लोगों को भुगतना पड़ता है।

पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम का सरकार पर हमला

पी.चिदंबरम ने आरबीआई से 2000 रुपये के नोटों को संचलन से वापस लेने के लिए कहा जैसा कि सरकार आरबीआई को उम्मीद थी। 2000 के नोट वापस ले लिए गए हैं और नोट बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा 2000 रुपये के नोट एक्सचेंज शायद ही एक लोकप्रिय माध्यम है। हमने नवंबर 2016 में यह कहा था और हम सही साबित हुए। 2000 रुपये के नोटों की शुरूआत 500 रुपये और 1000 रुपये के विमुद्रीकरण के मूर्ख निर्णय को कवर करने के लिए उठाया गया कदम था।नोटबंदी का दौर आ गया है।

जयराम रमेश ने ट्वीट में कसा तंज

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा स्वयंभू विश्वगुरु पहले काम करते हैं। फिर सोचते हैं। 2000 रुपये के नोट, जो 8 नवंबर 2016 के तुगलकी आदेश के बाद जोर-शोर से लॉन्च किए गए थे। अब वापस लिए जा रहे हैं।

नोटबंदी सदी का सबसे बड़ा घोटाला

वहीं अलका लांबा ने अपने ट्वीट में कहा है इसकी यदि जांच की जाए नोटबंदी सदी का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। काले धन पर हमला करने के नाम पर 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण करके और 2000 रुपये के नोट जारी करके, प्रधान मंत्री मोदी ने केवल अपने भागे हुए पूंजीपति मित्रों के लिए चीजों को आसान बना दिया।

आप नेता सौरभ का पीएम मोदी पर साधा निशाना

दो हजार रुपये के नोटों को वापस लिए जाने पर आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने भी निशाना साधा। और कहा नोटबंदी और नए नोटों को लाने का चलन प्रधानमंत्री ने शुरू किया था। जब मोदी ने ऐसा किया तो लोगों की जान चली गई। कई के कारोबार तबाह हो गए। इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद को खत्म करने में मदद नहीं मिली। उन्हें उम्मीद है कि यह फैसला विशेषज्ञों की सिफारिश पर लिया गया है।

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