टैक्‍स में कटौती के बाद ब्‍याज में घटौती का तोहफा… RBI ने 5 साल बाद की रेपो रेट में 0.25% की कटौती, आपकी EMI भी घटेगी…जानें क्या होता है रेपो रेट

RBI cuts repo rate: भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्‍होत्रा ने देश को बड़ा तोहफा दिया है। खासतौर पर मध्यमवर्गीय परिवार को देखते हुए रेपो रेट में कमी की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार 7 फरवरी को अपनी ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की घोषणा की है।

RBI ने दिया cuts repo rate का तोहफा

बता दें आरबीआई ने करीब पांच साल बाद अपनी ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती की है। रेपो रेट में हुई 0.25 प्रतिशत यानी 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती से होम लोन ही नहीं कार लोन समेत कई तमाम लोन सस्ते हो जाएंगे। आम लोगों को ईएमआई में बड़ी राहत मिलेगी। बता दें कि रिजर्व बैंक ने आखिरी बार जून 2023 में रेपो रेट में वृद्धि करते हुए इसे करीब 6.5 प्रतिशत कर दिया था। जून 2023 के बाद से ही आरबीआई की ओर से रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया था।

माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार के बजट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने भी मिडिल क्‍लास को बड़ी राहत दी है। रेपो रेट में कटौती कर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। रेपो रेट में यह कटौती करीब 25 बेसिस पॉइंट की की गई है। जिसके चलते अब मौजूदा रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है। 5 साल बाद रेपो रेट में यह कटौती की गई है।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक RBI की ओर से मई 2020 में रेपो रेट में कटौती की थी। हालांकि इसके बाद धीरे-धीरे रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। आखिरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी 2023 में की गई थी।

भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्‍होत्रा ने कहा कि बैठक में इकोनॉमी डेवलपमेंट को लेकर भी चर्चा की गई है। आरबीआई ने बैठक में फैसला किया है कि रेपो रेट को घटाया जा रहा है। अब रेपो रेट 6.50 से घटकर 6.25 हो गया है। रेपो रेट में 25 पॉइंट की कटौती के बाद अब आपके लोन की ईएमआई भी कम हो जाएगी।

गवर्नर ने यह भी कहा कि दरअसल ग्‍लोबल इकोनॉमी चुनौतियों से गुजर रहा है। इसके साथ ही वैश्विक स्‍तर पर लगातार महंगाई में भी वृद्धि हो रही है। फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से भी रेट में कमी की गई है। साथ जियो पॉलिटिकल टेंशन भी लगातार बढ़ रहा है। जिसके चलते दुनिया भर की इकोनॉमी पर इसका असर पड़ रहा है। भारतीय रुपया अभी दवाब में है। लिहाजा रिजर्व बैंक के सामने अभी कई बड़ी चुनौतियां हैं।

बता दें रीयल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान इस वित्त वर्ष 2025 में करीब 6.5 फीसदी का है। यह पिछले साल 8.2 प्रतिशत लास्‍ट ईयर, इससे आने वाले सालों में जीडीपी में सुधार की सेभावा है। वहीं मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में भी सुधार हुआ है। खनन सेक्‍टर में भी सुधार हुआ है। पीएमआई सर्विस में पिछली तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं ग्रामीण में डिमांड लगातार बढ़ रही है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्‍होत्रा ने जोर देते हुए कहा कि रेपो रेट इस वित्त वर्ष 4.7 फीसदी महंगाई रहने का अनुमान है। वहीं आगे महंगाई दर और कम हो सकती है।

क्या होता है रेपो रेट और आपकी EMI से क्या है कनेक्शन

दरअसल रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर आरबीआई दूसरे बैंकों को पैसा उधार बंटता है। यदि रिजर्व बैंक कम ब्याज दर पर बैंकों को पैसा उधार देगा तो बैंक भी अपने कस्मर्स को कम ब्याज दर पर लोन मुहैया कराते हैं। इसमें होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि शामिल होते हैं। रेपो रेट कम होने से मिडिल क्लास को सबसे अधिक फायदा होता है, क्योंकि इससे उन पर ईएमआई का बोझ कम हो जाता है।

आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक ने आम जनता को राहत दिए रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। जिसका असर आपकी लोन ईएमआई पर पड़ेगा। अब यह जान लेते हैं कि आखिर रेपो रेट क्या होता है। दरअसल रेपो रेट वह दर होती है। जिस पर आरबीआई बाकी बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट बढ़ता है तो बैंकों को केंद्रीय बैंक से महंगी दर पर कर्ज मिलता है।

क्या होता है रिवर्स रेपो रेट

रिवर्स रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों से कर्ज लेता है

रेपो रेट और EMI का कनेक्शन

होम लोन पर्सनल लोन या कर लोन जैसे बैंकों से मिलने वाले लोन रेपो रेट से जुड़े होते हैंं। जब बैंकों को आरबीआई से कम ब्याज पर यानी कम रेपो रेट पर कर्ज मिलता है तो वह अपने कस्टमर को सस्ता लोन दे सकते हैं।

रेपो रेट के बढ़ने से EMI पर क्या पड़ता है फर्क

रेपो रेट बढ़ने से बैंकों को महंगा कर्ज मिलता है। इसके बाद वे अपने कस्टमर को दिए जाने वाले किसी भी प्रकार के लोन की ब्याज दर बढ़ा देते हैं। जिससे कस्टमर की बैंक लोन की ईएमआई बढ़ जाती है।

कब बदला था रेपो रेट

फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट की दर 6.5% बरकरार है। तब से आरबीआई ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया था। इसके बाद इसमें बदलाव नहीं किया गया।

प्रकाश कुमार पांडेय

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