इस श्राप की वजह से माता सीता को नहीं छू पाया था रावण…किसने दिया था रावण को ये श्राप
रामायण में उल्लेख मिलता है कि मां सीता बहुत खूबसूरत थीं। उनकी सुंदरता से ही प्रभावित होकर रावण ने उनका अपहरण किया था और उन्हें बलपूर्वक अपनी पत्नी बनाना चाहता था। लेकिन वह मां सीता को एक श्राप के चलते छू भी नहीं पाया। आइए जानते हैं रावण को ये श्राप क्यों मिला था और किसने दिया था?
रावण को किसने श्राप दिया था?
जब भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या से 14 साल के वनवास पर गए तब उसी दौरान रावण ने एक साधु का वेश धारण कर छलपूर्वक से माता सीता का अपहरण कर लिया था।
माता सीता को कभी छू नहीं पाया
रावण माता सीता का अपहरण कर लंका में वाटिका में माता सीता का को रखा था। अपहरण के बाद उसने माता सीता को लंका में स्थित अशोक वाटिका में कैद करके रखा था। लेकिन अपनी कैद में रखने के बाद भी रावण मां सीता को कभी भी छू नहीं पाया था। अशोक वाटिका में वो हर बार जाता और डरा धमका कर वापस अपने महल लौट जाता था।
रावण को मिला था श्राप
रायण को श्राप मिला था। इसके पीछे रावण को जो श्राप मिला था उसकी वहज से वह कभी भी किसी पराई स्त्री को उसकी इच्छा के बगैर छू नहीं पाएगा। रावण हो गया था रंभा पर मोहित
रामायण में उल्लेख किया गया है कि एक दिन अप्सरा रंभा अपने होने वाले पति नलकुबेर से मिलने जा रही थी। इस बीच रावण की नजर भी रंभा पर पड़ गई। रंभा बेहद खूबसूरत थी। जिसे देखकर रावण मोहित हो गया। उसने रंभा के साथ गलत व्यवहार किया। रावण ने किया था रंभा के साथ दुराचार रंभा ने रावण को बताया कि वह उसके छोटे भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर की होने वाली पत्नी है। उस की पुत्रवधू के समान है। इसके बाद भी रावण नहीं रुका और उसने रंभा के साथ दुराचार किया।
नलकुबेर ने दिया श्राप
जब नलकुबेर को इस पूरे घटनाक्रम के बारे में पता लगा तो उसने रावण को यह श्राप दिया था। जिसमें कहा था कि भविष्य में अगर उसने किसी स्त्री को उसकी की इच्छा के बगैर छूने की कोशिश की तो रावण के मस्तक के सौ टुकड़े हो जाएंगे। बस इसी श्राप के चलते माता सीता को अपनी कैद में रखने के बाद भी रावण कभी स्पर्श नहीं कर पाया था।