भारत के मुस्लिम भी RSS की शाखा में शामिल हो सकते हैं। संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत ने उनके सामने एक शर्त रखी है। आरएसएस सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने बनारस में दिए अपने एक बयान में कहा है कि देश के मुसलमान RSS की शाखाओं में शामिल हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें भारत माता की जय बोलना होगा और भगवा ध्वज का सम्मान करना होगा। संघ प्रमुख ने कहा कि संघ में सभी धर्म, जातियों और समुदायों के लोगों का स्वागत हैं। सिवाय उन लोगों को छोड़कर जो स्वयं को औरंगजेब का वंशज मानते हैं।
भारत के मुस्लिम को संघ की शाखा में शामिल की तीन शर्त
- बोलना होगा भारत माता की जय
- भगवा ध्वज का करना होगा सम्मान
- संघ में सभी धर्म, जातियों और समुदाय का स्वागत
- जो स्वयं को औरंगजेब का वंशज मानते हैं, उनसे संघ की दूरी
बनारस के चार दिनी दौरे पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने इस दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। पिछले दिनों वे लाजपत नगर पहुंचे थे। जहां उनकी ओर से दिया गया एक बयान अब चर्चा का विषय बन गया है। संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत ने यहां कहा था कि मुसलमान RSS तभी ज्वाइन कर सकते हैं जब वे भारत माता की जय बोले,नारे लगाए और भगवा ध्वज की इज्जत करें।
संघ प्रमुख ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा भारत के सभी समुदायों, संप्रदायों और जातियों के लोगों का आरएसएस की शाखाओं में स्वागत है। सिवाय ऐसे लोगों के जो स्वयु को औरंगजेब के वंशज मानते हैं। मोहन भागवत ने कहा जाति,पंथ और संप्रदाय संप्रदाय, जाति, संप्रदाय की पूजा पद्धतियां अलग-अलग हैं, लेकिन सभी की संस्कृति एक है।
सभी का संघ की शाखा में स्वागत
एक स्वयंसेवक ने जब सत्र के दौरान संघ प्रमुख से यह पूछा कि क्या वे अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम समुदाय से हैं। उनको शाखा में आमंत्रित कर सकते हैं और ला सकता हैं। स्वयंसेवक के इस सवाल और जिज्ञासा को लेकर संघ प्रमुख ने अपने जवाब कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले। भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोग शाखा में आ सकते हैं सभी के लिए संघ के दरवाजे खुले हैं। उन्होंने कहा कि संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं माना जाता है। उन्होंने कहा कि स्वयं को औरंगजेब का वंशज मानने वाले लोगों को छोड़कर संघ की शाखाओं में सभी भारतीयों का स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी समुदाय, पंथ और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।
यह अखंड भारत जरूरी है
संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसकी मौजूदा स्थिति पर भी बात की और कहा जो लोग अखंड भारत को अव्यवहारिक मानते हैं। ऐसे लोगों को सिंध प्रांत की दुर्दशा देखनी चाहिए। भारत से जो हिस्से कट गये हैं उन हिस्सों को आज दुर्दशा का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए आज अखंड भारत व्यावहारिक है।